HomeCITYशहंशाह बिल्डिंग में हुआ तरही मसालमा, शायरों ने पेश किया तरही कलाम

शहंशाह बिल्डिंग में हुआ तरही मसालमा, शायरों ने पेश किया तरही कलाम

लखनऊ (सवांददाता) हज़रत इमाम हुसैन (अ.स ) के छः माह के बेटे जनाबे अली असग़र (अ.स ) की शहादत की याद में हर बरस की तरह आज भी लखनऊ के नक्खास इलाके में स्थित शहंशाह बिल्डिंग में तरही मसालमे का आयोजन हुआ | ये मसालमा शायरे अहलेबैत डॉक्टर आरिफ रज़ा लखनवी की ओर से किया जाता है | आज के मसालमे का आग़ाज़ तिलावते कलामे पाक से हुआ | आज के इस प्रोग्राम की निज़ामत शायर मुनीर आलम ने की और इसके कन्वीनर शायर शुमूम आरफी थे | आज के इस मसालमे में दिया गया मिसरा उस्ताद तजस्सुस ऐजाज़ी का था | जिस मिसरे पर शायरों ने अपना सलाम पेश किया वो मिसरा ” मेरी पहचान ज़िक्रे असग़रे बेशीर हो जाये ”था | इस मिसरे में ज़ंजीर ,शमशीर , तक़दीर वग़ैरह क़ाफिये थे और इसकी रदीफ़ हो जाये मुक़र्रर की गई थी | मसालमे में जिन शायरों ने तरही कलाम पेश किया उनमें तजस्सुस ऐजाज़ी, एजाज़ ज़ैदी , नय्यर मजीदी, हसन फ़राज़ , फिदवी नक़वी , बर्क़ लखनवी ,रज़ा लखनवी , हिलाल नक़वी , हुसैन नासिर , शुमूम आरफी, हबीब शारबी , ज़की भारतीय , शबाहत हुसैन (विजेता), सय्यद रिज़वी , ताहिर एडवोकेट , शान लखनवी वगैरह शामिल थे |

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