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भारत के लिए पकिस्तान की परीक्षा लेने का है उचित समय

नए पकिस्तान में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं,पाकिस्तान हर जाँच को तैयार : पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान                                     ज़की भारतीय 

लखनऊ | कश्‍मीर के पुलवामा आतंकी हमले के बाद से जहाँ सम्पूर्ण भारत में धरने प्रदर्शन जारी हैं ,वहीँ भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने भी इस आत्मघाती हमले में हुए 41 जवानों की शहादत पर पाकिस्‍तान को घेरते हुए कहा था कि पकिस्तान को हर आँसू का हिसाब देना होगा | जम्मू-कश्मीर में ये अबतक का सबसे बड़ा आंतकवादी हमला हुआ है | भारत में होने वाले लोकसभा चुनाव पर बढ़ती राजनीति पर भाजपा के अतिरिक्त अन्य राजनितिक दलों पर मानों अंकुश लग गया है |भारत की जनता 40 के बदले 400 के नारे लगा रही है ,लोगों में आक्रोश व्याप्त है और जनता बदला चाहती है ,लेकिन बिना किसी ठोस सबूत और बिना किसी आकलन के पकिस्तान पर हमला करना भी सरकार के बस की बात नहीं है | चीन जैसे कई देश इसी प्रतीक्षा में हैं कि भारत -पाकिस्तान युद्ध शुरू हो तो वो भी अपनी शत्रुता की आग इसी युद्ध में बुझा लें | इससे पहले भी देश के अंदर छुपे आंतकवादियों पर नज़र रखी जाए और उनको गिरफ्तार किया जाए ,उनके नेटवर्क को ध्वस्त किया जाए और साथ ही भारतीय जनता को ये सबक़ पढ़ाया जाए कि हम सिर्फ भारतीय है न कि हिन्दू ,मुसलमान ,सिख या ईसाई | ट्वीटर और फेसबुक पर जो ज़हर एक दूसरे के विरुद्ध उगला जा रहा है वो बहुत ही चिंतनीय है | इसके अलावा भी पुलवामा हमले के बाद जो कुछ घटनाएं हुईं वो भी बहुत गंभीर हैं | भारत में रहने वाले अगर पकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाएं तो आखिर उन्हें क्या कहा जाएगा ? कश्मीर के अलावा रहने वाले बेकसूर कश्मीरियों के साथ मारपीट किये जाने वालों को क्या कहा जाए ? हद तो ये है कि अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शिक्षा प्राप्त कर रहे कश्मीरी क्षात्रों से प्रशसन ने कह दिया है कि बिना इजाज़त परिसर से मत जाएं | ये सारी बातें देश हित के लिए हानिकारक हैं | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाहिए कि पकिस्तान की धरती पर यू एन ओ के माध्यम से कई देशों की टीम बनाकर सैनिकों की तैनाती करे और पकिस्तान की सहायता से आतंकवाद का जड़ से सफाया करे | हमारे सामने इराक़ और अफगानिस्तान जैसे देश उदहारण के तौर पर मौजूद हैं जहाँ अमेरिका के सैनिकों ने अन्य देशों के साथ मिलकर आतंकवाद का सफाया किया | अब इस प्रकरण में व्ययधान भी उत्पन्न नहीं होने वाला ,क्योंकि आज ही पकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने कहा कि भारत बिना सबूत के हमारे ऊपर आरोप लगा रहा है। उन्‍होंने कहा, ‘मैं इस आरोप पर भारत सरकार के लिए जवाब दे रहा हूं। इस हमले में हमारा कोई हाथ नहीं है। हम आतंकवाद पर भारत के साथ बातचीत करने के लिए भी तैयार हैं।
इमरान ने कहा कि भारत हमेशा आतंकवाद पर बातचीत करने को कहता है, हम आतंकवाद पर बातचीत करने को तैयार हैं। मैं एक बार फिर बताना चाहता हूं कि ये नया पाकिस्‍तान है। नए पाकिस्‍तान में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं है। पाकिस्‍तान हर जांच के लिए तैयार है। उन्‍होंने कहा, ‘कोई भी जंग करना आसान है, लेकिन खत्‍म करना नहीं। जंग के बाद ये कहां तक जाएगी, कोई नहीं बता सकता।’
उन्‍होंने कहा कि सऊदी अरब के प्रिंस का दौरा था, इसलिए पुलवामा हमले के आरोप का पहले जवाब नहीं दिया। पाकिस्तान प्रिंस के दौरे के वक्त ऐसी हरकत क्यों करेगा जिससे कि स्थिति खराब हो, हम खुद 15 साल से आतंकवाद से लड़ रहे हैं। हम पुलवामा हमले में कोई भी पाकिस्तान का दोषी हो तो कार्रवाई को तैयार है। हमें दहशतगर्दी से सबसे ज्यादा नुकसान हुए है, हमारे 7000 लोग मारे गए हैं। पकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यूएन से मांग की है कि आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच उपजे तनाव को कम करने के लिए तत्‍काल हस्‍तक्षेप करना चाहिए।
पकिस्तान के प्रधानमन्त्री द्वारा दिए गए इस बयान के बाद नरेंद्र मोदी को चाहिए कि इस मामले पर पकिस्तान को तुरंत घेरा जाए और आतंकवादियों के विरुद्ध पकिस्तान की धरती पर पहुंचकर उनका नामो-निशान मिटा दिया जाए क्योंकि ये एक उचित समय है |

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