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20 लोगों के साथ निकल सकेगा जुलुस ,एक भी हुआ ज़्यादा ,तो लगेगा 20 करोड़ का जुर्माना

क्या शियों के साथ भेदभाव कर रही है प्रदेश सरकार ?

लखनऊ,संवाददाता | रन में बेवा हसन ये पुकारी | मेरे क़ासिम की आती है मेहँदी || जी हाँ आज हुसैनाबाद की ओर से निकलने वाले शाही जुलुस में ये नौहे का मिसरा शहनाई वादकों और पुलिस बैंड द्वारा सुनाई देता था | इसे सुनकर अज़ादारों की आँखें नम हो जाती थीं | लेकिन अज़ादाराने इमामे हुसैन अस इस बार इस मिसरे को सुनने से भी वंचित रहेंगे | क्योंकि कोरोना वायरस के कारण हुसैना बाद ट्रस्ट द्वारा उठवाए जाने वाले सभी जुलुसों को ट्रस्ट ने प्रतिबंधित कर दिया है |
सरकार ने लखनऊ में सिर्फ 7 स्थानों पर मजलिस किये जाने की इजाज़त दी है .वो भी सिर्फ 5 लोगों के दरमियान | हुसैनाबाद ट्रस्ट के अलावा शहर में निकलने वाले अन्य जुलूसों पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगा हुआ है | सबसे ज़्यादा बेचैन करने वाली बात ये है कि प्रदेश सरकार ने ताज़ियों को दफ़्न किये जाने के बावत अभी तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है | इस कारण शिया संप्रदाय में रोष व्याप्त है | ताज़िया दफ़्न किये जाने के मामले में सरकार को गौर करने की ज़रूरत है ,क्योंकि किसी ऑटो में 4 लोग बैठ कर जा सकते हैं ,सब्ज़ी की दुकानों पर भीड़ हो सकती है ,पुलिस झुण्ड में खड़ी हो सकती है, ट्रैफिक जैम हो सकती है ,कार्यालयों में झुण्ड लग सकते हैं ,.अस्पतालों में भीड़ लग सकती है , अयोध्यय में भूमि पूजन हो सकता है ,बैंकों में क़तारें लग सकती हैं तो 5 लोग सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ताज़िया क्यों नहीं ले जा सकते ? इस प्रश्न का उत्तर हर शिया प्रदेश सरकार से मांग रहा है |
हालाँकि प्रदेश सरकार ने जहाँ मुहर्रम के जुलूसों ,मजलिसों और ताज़ियों को दफन करने पर प्रतिबन्ध लगाया है वहीँ गणेश चतुर्थी पर भी पाबन्दी लगाईं है |

आपको बताते चलें कि हैदराबाद में हाईकोर्ट द्वारा जुलुस उठाने की मांग को लेकर की गई याचिका के बाद हाईकोर्ट ने 20 लोगों के साथ जुलुस उठाए जाने की आज्ञा प्रदान कर दी है लेकिन एक बहुत बड़ी शर्त भी लगा दी है | हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जुलुस की आज्ञा इस शर्त पर दी जा रही है कि अगर 20 लोगों के अलावा 21 लोग हुए तो 20 करोड़ रूपए का जुर्माना लगाया जाएगा | यानी 2 व्यक्ति अधिक हुए तो 40 करोड़ का जुर्माना शपथ पत्र दाखिल करने वाले को देना होगा | इतना बड़ा जुर्माना सुनकर कौन ऐसा है जो जुलुस निकालने की सोचता | लेकिन इतने बड़े जुर्माने के बावजूद हैदराबाद के रहने वाले धर्मगुरु वहीदउद्दीन हैदर जुलुस निकालने पर राज़ी हो गए हैं | हालाँकि हाई कोर्ट द्वारा कोविड-19 के नियमों का उलंघन किये जाने की धारा भी लगाई जा सकती थी लेकिन हाई कोर्ट ने शायद ये सोचकर इतनी बड़ी पेनाल्टी निर्धारित की होगी कि इसके बाद याचिकर्ता खुद ही जुलुस नहीं उठाएगा | लेकिन हज़रत इमाम हुसैन अस के चाहने वालों के बारे में हाईकोर्ट कुछ भी नहीं जानती | हालाँकि फिर भी जुलुस निकालने वाले के लिए बहुत बड़ा खतरा है ,क्योंकि कोई भी शत्रु 20 लोगों को लेकर जुलुस में शामिल हो सकता है | ऐसे में याचिकाकर्ता को कोई बेहतर योजना भी बनानी होगी | इस संबंध में वहीदउद्दीन ने एक वीडिओ जारी करते हुए शिया संप्रदाय को संबोधित किया और कहा कि जब जुलुस बरामद हो तब आप हज़रात अपने अपने घरों में मातम करे |

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