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वक़्फ़ कानूनों का उल्लंघन करते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड के कार्यकाल को 6 महीने के लिए दो दफा बढ़ाया गया -जफरयाब जिलानी

बाबरी मस्जिद के बदले धन्नीपुर में दी गई जमीन नाजायज और ग़ैर क़ानूनी- जफरयाब जिलानी

लखनऊ, संवाददाता। अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद निर्माण की कवायद शुरू हो गई है लेकिन बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफर जफर याब जिलानी का कहना है कि यह जमीन नाजायज गैर कानूनी है। शनिवार को इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने मस्जिद का खूबसूरत नक़्शा भी बना दिया है ।बोर्ड इसे भारत के संवैधानिक कानून में आने वाले शरीयत के खिलाफ मानता है। जिलानी का कहना है कि हमने एक स्टैंड लिया था की मस्जिद के बदले जमीन लेना गैरकानूनी है ।जब जमीन ही अवैध होगी तो उसके ऊपर बनी मस्जिद भी अवैध होगी और हम अवैध मस्जिद नहीं चाहते। जिलानी ने यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा जमीन स्वीकार करने के मामले पर कहा कि बोर्ड के दो सदस्यों ने इसे अस्वीकार किया था । जबकि चार सदस्यों ने स्वीकार किया था। इसमें इसके अध्यक्ष जफर फारूकी भी शामिल थे ।इस वजह से यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बाबरी मस्जिद की जमीन से दूर सरकार की जमीन की पेशकश को स्वीकार कर लिया। उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड के मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल 31 मार्च 2020 को समाप्त हो गया था और वह कानून के मुताबिक नए बोर्ड का गठन किया जाना था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ बल्कि सरकार ने वक़्फ़ कानूनों का उल्लंघन करते हुए बोर्ड के कार्यकाल को 6 महीने के लिए दो बार बढ़ा दिया। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि मस्जिद के नाम पर कुछ इमारतें बाबरी मस्जिद के बदले में दी गई जमीन पर बनाई जाए। यूपी में सत्ताधारी राजनीतिक दल को इस बात का यकीन नहीं था कि इस मुद्दे पर सरकार की नया बोर्ड इस मुद्दे पर सरकार की नीति पर किसी तरह की सहमति देंगे।

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