लखनऊ (सवांददाता) राफेल सौदे का जिन्न किसी तरह से बोतल में बंद होने का नाम नहीं ले रहा है | इस मामले के सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद भी नए बिंदु सामने आते जा रहे है | कांग्रेस सहित सभी भाजपा विरोधी दल इस मुद्दे को आगामी लोकसभा चुनाव में कैश करने के लिए लगे हुए है | हालाँकि आज राफेल सौदे के मामले में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से कहा गया है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि पिछले राफेल सौदे को एनडीए की सरकार रद्द कर चुकी है। इसके साथ ही एचएएल ने यह भी कहा कि उसे नहीं पता था कि मोदी सरकार ने पिछला सौदा रद्द करने के बाद फ्रांसीसी कंपनी दासो एविएशन के साथ नए सिरे से सौदा किया है।
सूत्रों के अनुसार एचएएल के चेयरमैन आर. माधवन ने इस मामले पर कहा कि ‘हमें पिछला सौदा रद्द किए जाने के बारे में नहीं मालूम था। हम राफेल पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते, क्योंकि अब हम इस सौदे का हिस्सा नहीं हैं।’ माधवन ने राफेल एयरक्राफ्ट निर्माण का जिक्र करते हुए आगे कहा कि राफेल उन परियोजनाओं में से एक थी जिसमें हम शामिल थे और यह हमारी एकमात्र परियोजना नहीं थी। उन्होंने कहा कि राफेल सौदे में सरकार शामिल थी इस वजह से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड इसकी कीमत और नीतियों को लेकर कोई भी टिप्पणी नहीं कर सकती है।
हालांकि जबतक इस सौदे की जांच नहीं हो जाती तबतक इस मामले पर भाजपा सरकार पर आरोप लगाना उचित नहीं है , लेकिन इस मामले पर भाजपा विरोधियों द्धारा भाजपा से सफाई मांगना भी किसी भी हाल में गलत नहीं है |