HomeCITYमेरी मौत की ज़िम्मेदार हैं ये महिला आइपीएस

मेरी मौत की ज़िम्मेदार हैं ये महिला आइपीएस

लखनऊ,संवाददाता । जब कोई इंसान किसी ऊँची पहुंच रखने वाले या किसी अधिकारी के बदले का शिकार होता है तो उसका जीवन बर्बादी की तरफ चल निकलता है | ये अलग बात है कि कोई उस बदले की आग को अपने मज़बूत इरादों से बुझाकर राख के ढेर में बदल देता है और कोई अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर लेता है | जी हाँ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज बुधवार को एक ऐसा ही हादसा हुआ है जिसे सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। क्योंकि आज सचिवालय के एक संविदाकर्मी विशाल ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली है ,उसके पास से मिले सुसाइड नोट में महिला आइपीएस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं | ट्रेन की पटरी पर युवक का शव दो टुकड़ों में मिला है । मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा- मैं बेकसूर था…मुझे देह व्‍यापार के रैकेट में 2017 बैच आइपीएस प्राची सिंह ने फंसाया है। इनको कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए। जिससे ये निर्दोष लोगों को जेल न भेजें।अपने पद का गलत इस्‍तेमाल न करें। अपने प्रोमोशन के चक्‍कर में कई निर्दोषों को सजा न दें। सुसाइड नोट में आगे लिखा था- ”मैं अपने होशो हवास में आत्‍महत्‍या कर रहा हूं। जिसकी ज‍िम्‍मेदार प्राची स‍िंह आइपीएस है। जिन्‍होंने मेरा कर‍ियर खराब कर द‍िया है। जिसकी वजह से समाज में मैं नजरें उठाकर नहीं चल पा रहा हूं..मुझे घुटन सी हो रही है। मेरे परिवार से मैं नजरे नहीं म‍िला पा रहा हूं।”
ये दर्दनाक हादसा हसनगंज थाना क्षेत्र की रैदास मंदिर क्रासिंग पर हुआ है ।
बताते चले कि 26 वर्षीय मृतक विशाल पुत्र अर्जुन चांदगंज छपरतला का रहने वाला था जो सचिवालय में तीन वर्षों से आइएएस रोशन जैकब के यहां कंप्‍यूटर ऑपरेटर था । विशाल के पिता अर्जुन का कहना है कि 13 फरवरी को विशाल इंदिरानगर गया था। वहां वो एक ठेले पर चाऊमीन खा रहा था, तभी पुलिस ने वहां सड़क किनारे स्थित मसाज पार्लर पर छापेमारी की। उनका आरोप था कि पुलिस विशाल को भी पकड़कर ले गई। उसे 20 दिन तक जेल में रखा गया, 21 फरवरी को वो जेल से बाहर आया। तब से वो काफी डिप्रेशन में था।

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