लखनऊ (सवांददाता) फिल्म इंडस्ट्री में जिस वक़्त मनोज कुमार ने अपने क़दम जमाए थे उस वक़्त फिल्म इंडस्ट्रीस में दिग्गज कलाकारों की एक लाइन लगी हुई थी| जिनमे दिलीप कुमार, राज कुमार, राज कपूर, राजेश खन्ना और संजीव कुमार जैसे बड़े से बड़े कलाकार मौजूद ऐसे समय में मनोज कुमार ने दुनिया को अपने अभिनय का लोहा मनवाया| फिल्म इंडस्ट्रीस को आज लगभग 100 साल पूरे हो चुके हैं । जिनमे से मनोज कुमार ने इस इंडस्ट्री को अपनी जिंदगी के 60 साल दिए। बताते चले कि दो दिन बाद मनोज कुमार 81 वर्ष को पार कर लेंगे । बहरहाल आज मनोज कुमार की बात करना इसलिए भी ज़रूरी थी क्योकि उनके पुत्र कुणाल गोस्वामी के बारे में कुछ जानकारी देना है।
मनोज कुमार ने बॉलीवुड में रहकर खूब शोहरत हासिल की। इसीलिए उनके बेटे कुणाल कुमार गोस्वामी ने भी फिल्मों में आने का फैसला लिया। कुणाल गोस्वामी को एक्टिंग विरासत में मिली है। बचपन से ही वो अपने पिता को एक्टिंग करते हुए देख रहे थे।
यही सोचकर मनोज कुमार ने कुणाल को एक्टर बनाने की सोची। मनोज कुमार को लगा था कि वो भी उनकी तरह ही स्टार बनेगा और बॉलीवुड में उनका नाम रोशन करेगा। शायद इसी सोच के साथ मनोज कुमार ने कुणाल को बचपन से ही एक्टिंग के साँचे में ढालना शुरू कर दिया था। अपनी निर्देशित फिल्म ‘क्रांति’ में मनोज कुमार ने कुणाल को भी लिया था। इस फिल्म में कुणाल ने चाइल्ड एक्टर के तौर पर काम किया था। स्क्रीन पर कुणाल गोस्वामी का यह पहला अनुभव था। इसके बाद कुणाल गोस्वामी ने और भी कई फिल्मों में किस्मत आज़माई, लेकिन उनकी एक्टिंग किसी को रास नहीं आई। इसमें वो श्रीदेवी के साथ नजर आए और फिल्म भले ही नहीं चली लेकिन इसके गाने ‘नीले-नीले अंबर पर’ ने खूब धमाल मचाया। ये गाना श्रीदेवी और कुणाल गोस्वामी पर फिल्माया गया था।
कुणाल का लुक तो अपने पिता जैसा ही था लेकिन एक्टिंग के हुनर में वो काफी पीछे रह गए । फिल्मों में कामयाबी हासिल न करने के बाद उन्होंने एक्टिंग और फिल्में छोड़कर केटरिंग का बिजनेस खोल लिया और उसी में मस्त हो गए। ज़ाहिर है कि हर एक्टर अमिताभ बच्चन नहीं हो सकता, सलमान खान नहीं हो सकता, आमिर खान नहीं बन सकता| क्योकि किसी भी कलाकार कि विरासत काम नहीं आती है बल्कि उसकी अपनी कला ही उसकी पहचान कराकर उसे लोकप्रिय बनाती है|