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बाबर के नाम से रायबरेली में बनवाई जाए बाबरी मस्जिद : कवि मुनव्वर राणा

लखनऊ,संवाददाता | अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के बाद मुसलमानों में नाराज़गी व्याप्त हो गई थी, जिसके बाद अदालत में लंबित बाबरी मस्जिद के फैसले के लंबे इंतजार के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने भारती में फसाद ना होने पाए इस कारण अपने हिसाब से एक नया फैसला करते हुए अयोध्या के विवादित ढांचे को राम जन्म स्थान मानते हुए हिंदू संप्रदाय के पक्ष में फैसला कर दिया था |अभी गत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर निर्माण से पूर्व भूमि पूजन किया गया, भूमि पूजन के बाद से ही मुसलमानों की ओर से कई ऐसे बयान आए जिसको लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को एक बहस का मुद्दा मिला और उन्होंने अपने स्टूडियों को सजा कर अनाप-शनाप बहस का सिलसिला जारी कर दिया था | अभी यह मामला थमा भी नहीं ,विश्व विख्यात कवि मुनव्वर राणा में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अयोध्या के रौनाही में मिली सुन्नी वक्फ बोर्ड की जमीन पर मस्जिद की जगह अस्पताल बनाने की मांग कर दी है | उन्होंने अस्पताल का नाम भगवान राम के पिता पर रखने की सिफारिश की है | लेकिन इसके अलावा उन्होंने लिखा है रायबरेली में उनकी 5 बीघा जमीन पर बाबरी मस्जिद का सरकार निर्माण करवा दे | उन्होंने आगे लिखा कि प्रधानमंत्री जी मैं आपसे निवेदन करता हूं ,माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा धनीपुर में जो 5 एकड़ जमीन मस्जिद के निर्माण के लिए मुस्लिमों को दी गई है वहां पर अस्पताल का निर्माण किया जाए और अस्पताल का नाम भगवान राम के पिता राजा दशरत जी के नाम पर रखा जाए | सरकार द्वारा दी गई जमीनों पर मस्जिद का निर्माण नहीं होता | मैं चाहता हूं रायबरेली में जो साढ़े 5 बीघा जमीन है वो सई नदी के किनारे हैं | वहां बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया जाए वहां पर ऐसी शानदार इमारत बनाई जाए जो लोग इस तरह से गुजरे हैं अलमगीर मस्जिद और बाबरी मस्जिद का दीदार कर सके | हालांकि मुनव्वर द्वारा “पीएम को लिखी चिट्ठी में ये बात बिलकुल ग़लत है कि मस्जिद को दी गई अयोध्या की जमीन पर वैसे भी मस्जिद का निर्माण नहीं हो सकता” | उनका यह बयान किसी हद तक उचित नहीं है क्योंकि किसी भी व्यक्ति द्वारा यदि अपनी इच्छा से मस्जिद के लिए भूमि दी जाती है तो उस पर मस्जिद का निर्माण अवश्य किया जा सकता है |हालाँकि उनकी ये बात बिल्कुल सही है कि जबरदस्ती हासिल की गई जमीन पर मस्जिद का निर्माण नहीं किया जा सकता | लेकिन उनका यह कहना गलत है कि सरकार द्वारा दी गई जमीन पर मस्जिद नहीं बन सकती |

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