HomeINDIAआर.एस.एस के हिंदुत्व का मतलब किसी का विरोध करना नहीं: मोहन भागवत

आर.एस.एस के हिंदुत्व का मतलब किसी का विरोध करना नहीं: मोहन भागवत

लखनऊ (सवांददाता) ‘भविष्य का भारत’ के विषय पर आधारित दिल्ली के विज्ञान भवन में तीन दिवसीय कार्यक्रम के आज दूसरे दिन आर.एस.एस के प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यक्रम में भाषण देते हुए कहा कि हिंदू समाज को एकजुट करने के लिए आरएसएस का गठन हुआ है। उन्होंने कहा कि आर. एस.एस के हिंदुत्व का मतलब किसी का विरोध करना नहीं है, उन्होंने पार्टी कार्यकर्ता की निष्ठा पर बोलते हुए कहा कि वो बिना किसी लालसा के दिन-रात काम करते हैं। इस दौरान मोहन भागवत ने हेडगेवार को याद करते हुए कहा कि वे कांग्रेस के सदस्य थे और विदर्भ क्षेत्र के बड़े नेता थे। उन्होंने असहयोग आंदोलन में भी भाग लिया था।

भागवत ने कहा कि कांग्रेस ने आजादी के आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई और भारत को कई महान लोग दिए। मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस एक ताकत के रूप में उभरा है और यह प्रचार का भूखा नहीं है। दुनिया का कोई भी संगठन इसके मूल्यों की बराबरी नहीं कर सकता। इतने वर्षों के बाद भी आरएसएस को गलत समझा जाता है।

उन्होंने एपीजे अब्दुल कलाम को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में कहा था कि हमें हमारे देश में विश्वास रखना होगा। मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस लोगों की भलाई के लिए काम कर रहा है लेकिन फिर भी कुछ लोग लगातार संघ को निशाना बनाते आ रहे हैं। इस कार्यक्रम में बॉलीवुड के कई बड़े अभिनेताओं सहित अलग-अलग क्षेत्रों की प्रख्यात हस्तियां भी मौजूद थी ।

 

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