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हुसैनाबाद ट्रस्ट और शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड की संपत्तियों पर अवैध निर्माण जारी

ज़की भारतीया

लखनऊ | हुसैनाबाद ट्रस्ट और शिया सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड की संपत्तियों पर जहाँ अवैध निर्माण जारी हैं वहीँ हुसैनाबाद चौराहे पर मरम्मत की आस लिए रूमी दरवाज़ा जैसा पहला गेट अंतिम सांसें ले रहा है | हुसैनाबाद ट्रस्ट के सचिव शशि भूषण राय का ध्यान उनके मातहतों ने इस ओर आकर्षित नहीं कराया है | यही नहीं आसफी इमाम बाड़े को पीछे से देखा जाए तो उसका खस्ताहाली मुहं उठाए अपना हाल बयान कर रही है | लेकिन इस खस्ताहाली की तरफ किसी का ध्यान भी नहीं जाता | वो इमामबाड़ा जो विश्व भर में अपनी खूबसूरती के नाम पर चर्चा का विषय रहा है ,आने वाले समय में तबाह व बर्बाद हो सकता है |
हुसैनाबाद ट्रस्ट की संपत्तियों पर अवैध निर्माण का ये हाल है कि सचिव हुसैनाबाद ट्रस्ट द्वारा सख्ती बरतने के आदेश बावजूद अवैध निर्माण रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं | अभी कुछ दिन पूर्व ही इसी तरह के अवैध निर्माण के बावत हिंदी समाचार पत्र न्याय स्रोत व यूट्यूब चैंनल सहित एनएस लाइव न्यूज़ पोर्टल पर खबर लिखी ओर दिखाई गई थी |

इस खबर में पिकचर गैलरी के ठीक सामने हो रहे अवैध निर्माण का उल्लेख किया गया था |

खबर के बाद सिर्फ एक दिन के लिए अवैध निर्माण रोका गया लेकिन सूत्रों ने बताया ,दूसरे ही दिन से हुसैनाबाद ट्रस्ट के ज़िम्मेदार कर्मचारियों ने अवैध निर्माण करवा रहे व्यक्ति से मुलाक़ात की और पुनः अवैध निर्माण जारी हो गया | जिसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होना चाहिए थी वो आज खबर लिखे जाने तक भी अवैध निर्माण करवा रहा है लेकिन उसके विरुद्ध अभी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी | इस तरह के अवैध कार्य करवाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं होती है ये आप सब जानते ही होंगे | बहरहाल इस संबंध में जल्द हुसैनाबाद ट्रस्ट के अध्यक्ष / जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश का बयान लेने के बाद ही किसी कार्रवाई की उम्मीद की जा सकती है |

हुसैनाबाद ट्रस्ट का अजब खेल

सूत्रों के मुताबिक़ हुसैन बाद ट्रस्ट के अधीन हज़रतगंज में स्थित इमामबाड़ा शाहनजफ़ के पीछे भवन संख्या -11 में रहने वाले बच्चा राम का मकान का मुक़दमा हुयेनाबाद ट्रस्ट से चल रहा था जिसपर अभी तक कोई फैसला भी नहीं हुआ था, लेकिन कुछ लोगों की मिलीभगत से उसके मकान के क़ब्ज़े को 8 लाख रूपए में बिकवा दिया गया ,जबकि उस मकान को हुसैनाबाद ट्रस्ट को सौपना (हैंडओवर) चाहिए था | इस तरह के खेल अधिकारीयों के मातहत मोटी रक़म वसूलकर कर रहें हैं जिनके बारे में अधिकारी अनभिज्ञ हैं | हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधिकारी अगर ऐसे कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई नहीं करेंगे तो अवैध निर्माण चरम पर होंगे जिसके ज़िम्मेदार अधिकारीगण भी होंगें |

 

होटल का रसोईघर बन चुका है ये ऐतिहासिक दरवाज़ा

हुसैनाबाद चौराहे पर स्थित अशफ़ाक़ होटल के स्वामी ने रूमी दरवाज़े की तर्ज़ पर बने गेट नम्बर एक के नीचे तीन रस्ते बने हुए हैं ,जिसमे से लोगों का आवागमन रहता है | इसमें एक गेट पर अशफ़ाक़ होटल वाले का अतिक्रमण बना हुआ है जिस कारण इस गेट से चौपहिया वाहन तो दूर ,दो पहिया वाहन को गुजरने में छींकें आ जाती हैं | साथ ही उसी द्वार के पास बनी सहनची में इस दबंग होटल मालिक अशफ़ाक़ का क़ब्ज़ा बना हुआ है | कई डीएम और एडीएम यानि अध्यक्ष और सचिव आए और चले भी गए लेकिन इस दबंग होटल मालिक का क़ब्ज़ा आज भी बदस्तूर जारी है | जिस मुख्यमार्ग पर स्थित ऐतिहासिक रूमी दरवाज़े जैसे दरवाज़े पर इसका क़ब्ज़ा है और सहनची पर रसोईघर बना हुआ है वो कभी भी बाड़े हादसे की चपेट में आ सकता है | क्योंकि जिस सहनची में रसोईघर है वहॉँ सुबह सुबह हज़ारों लीटर दूध उबला जाता है वो भी घरेलों गैस सिलेंडरों द्ववारा | जी हाँ इन गैस सिलेंडरों में जब भी लीकेज हुआ और कोई हादसा हुआ तो इस ऐतिहासिक धरोहर का नामों निशान भी देखने को नहीं मिल सकेगा |

ये हाल है इस गेट और पिक्चर गैलरी का

सामने से खूबसूरत दिखाई देने वाले इस गेट को अगर पीछे की तरफ से आप देखेंगे तो आप भी कह उठेंगे कि ये गेट कभी भी गिर सकता है ,लेकिन इस गेट की तरफ जब कर्मचारी ध्यान ही नहीं देंगे या अपने अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट बकर पेश नहीं करेंगे तो ट्रस्ट के सचिव या अध्यक्ष न तो होटल मालिक से इस सहनची को क़ब्ज़े से आज़ाद करवा सकेंगे और न ही इस गिरते हुए दरवाज़े की मरम्मत करवा सकेंगे | यही हाल इस पिक्चर गैलरी में स्थित इस वसीका कार्यालय का हो चुका है | यहाँ की दीवारें भी अगर ध्यान नहीं दिया तो जल्द
किसी बरसात में खुदकशी कर बैठेंगी |

शिया वक़्फ़ बोर्ड की इन संपत्तियों पर हो चुके हैं अवैध निर्माण

लखनऊ के बालागंज क्षेत्र में स्थित कर्बला अब्बास बाग़ में स्थिक एक स्कूल के स्वामी ने बोर्ड के भंग होने के कुछ माह बाद ही धड़ल्ले से अवैध निर्माण करवाया | लेकिन वहॉँ के मुतवल्ली ने बोर्ड में कोई शिकायत भी दर्ज नहीं करवाई जिसके कारण बोर्ड द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हो सकी | अब्बास बाग़ कर्बला के अलावा कश्मीरी मोहल्ला में स्थितएक मस्जिद के घर को तोड़कर नए डिज़ाइन से बिना बोर्ड की आज्ञा के निर्माण करवाया गया | सूत्रों का कहना है ,पहले जो उस घर में रह रहे थे उन्हें 3 लाख रूपए देकर मकान ख़ाली करवाया गया जिसके बाद उसको 6 लाख रूपए में बेचकर दूसरे को दे दिया गया | बोसीदा मकान खरीदने के बाद उसने लाखों रूपए लगाकर उसे बनवा डाला लेकिन उसके विरुद्ध भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी | यही नहीं सिकरोरी में स्थित करोड़ रूपए की संपत्ति बिकना शुरू हो चुकी है लेकिन शिया वक़्फ़ बोर्ड द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है | यदि बोर्ड द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो जल्द ही करोड़ों रूपए की वक़्फ़ संपत्ति तबाह हो जाएगी | यहाँ के मुतवल्ली के अनुसार वो जितनी कार्रवाई कर सकते हैं वो कर रहे हैं लेकिन कुछ भी नहीं हो रहा है | उन्होंने ने बताया की अभी भी उन लोगों से मुक़दमा चल रहा है जो लोग वक़्फ़ संपत्ति बेच रहे हैं बावजूद इसके उनको रोकने वाला कोई भी नहीं है |

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