HomeCITYसभासद लईक आग़ा के वालिद की मजलिसे तीजा मुनक़्क़िद

सभासद लईक आग़ा के वालिद की मजलिसे तीजा मुनक़्क़िद

मौलाना हसन ज़हीर ने किया मजलिस को ख़िताब

लखनऊ (सवांददाता) कश्मीरी मोहल्ला वार्ड के सभासद लईक आग़ा के वालिद दबीर आग़ा की आज सुबह 9 बजे नूरबाड़ी में वाक़ेह मस्जिद घसीटी बेगम में मजलिसे तीजा का इनएकाद हुआ | मजलिस का आग़ाज़ तिलावते कलामे पाक से हुआ, जिसके बाद शोअराए कराम ने बारगाहे इमाम में मन्ज़ूम नज़रानए अक़ीदत पेश किया | शायरों के बाद मजलिस को मौलाना हसन ज़हीर ने ख़िताब किया |
मौलाना मजलिस को ख़िताब करते हुए कहा कि हर इंसान को मौत का मज़ा चखना है, इसलिए इंसान को मौत के लिए तैयार रहना चाहिए | उन्होंने कहा कि जिस इंसान के दिल में विलायते अली होती है वो इस दुनिया से मुन्तक़िल होता है, मरता नहीं | उन्होंने मजिलस को ख़िताब करते हुए कहा कि इंसान को चाहिए कि लोगों के साथ अच्छा सुलूक करे और अपने रिश्तेदारों के साथ भलाई करे | क्योकि ये वो नेकियां हैं जो इंसान के मरने के बाद उसकी क़ब्र में काम  आएंगी | 

उन्होंने बताया जिस वक्त इंसान कब्र में होता है और उसके अज़ीज़दार जाने लगते है तब वो अपने अज़ीज़दारों को आवाज़ देता है, कि तुम मुझको अकेला छोड़कर कहा जा रहे हो | ऐसे वक्त में ये नेकियां, नमाज़ और रोज़ा एक नूरानी शक्ल ले लेगी और आने वाले अज़ाब से मरने वाले शख्श को महफूज़ करेंगी, यही नहीं बल्कि जो इंसान अली की विलायत का क़ायल होगा उसके लिए विलायत भी सबसे नूरानी चेहरा बनकर कब्र में आएगी | और जो अज़ाब दूसरी नेकियां नहीं सम्भाल पाएंगी, उन अज़ाब को विलायत का नूर दूर कर देगा | उन्होंने कहा कि इंसान अगर अपनी मौत को हर वक्त याद रखे तो वो गुनाह से दूर रहेगा और नेकियां ही नेकियां करेगा | उन्होंने कहा कि इंसान के मरने के बाद नमाज़े मय्यित में नमाज़ पड़ने वाले ये कहते है कि हम इस इंसान के ख़ैर के अलावा और कुछ नहीं जानते हैं | जब्कि मरने वाला नमाज़ पड़ता था या नहीं, रोज़ा रखता था या नहीं, ज़कात देता था या नहीं हज किये हुए था या नहीं, किसी भी बात के बारे में जाने बिना ही हम उसके ख़ैर पर होने की गवाही देते हैं | उन्होंने कहा कि दरअस्ल ख़ैर से मुराद हैं कि अली की विलायत का क़ायल होना | इसीलिए ये गवाही दी जाती हैं | उन्होंने कहा कि एक भाई परेशान हो और दूसरा भाई ऐश कर रहा हो तो वो अपने भाई की मदद करे, किसी भूखे का पेट भरे, किसी गरीब लड़की की शादी कराये तो अल्लाह ने वादा किया है कि नेकी करने वाले की उम्र में हम 30 साल का इज़ाफ़ा कर देते है | लेकिन आज इंसान ये सब करने के बजाये वेंटिलेटर पर अपने ऊपर लाखों रुपियाँ खर्च कर देता है लेकिन 30 साल ही नहीं 30 मिनट की भी मोहलत मिलना मुश्किल हो जाती है |

फिर भी इंसान इन नेकियों को सुबुक समझता है | मौलाना ने इसके बाद हज़रत इमाम हुसैन (अ.स) के मसाएब पढ़े, जिसे सुनकर अक़ीदत मंद गिर्या करने लगे | मजलिस के बाद अंजुमन मेरजुल मोमेनीन ,अंजुमन हुसैनियाँ क़दीम समेत कई अंजुमनहाय मातमी ने नौहा ख्वानी व सीनाज़नी की | ख्वातीन की मजलिस मरहूम के घर पर दोपहर 2 बजे मुनअक़िद हुई |

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