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सऊदी अरब के मदीने में स्थित जन्नतुलबकी में रौज़ों की तामीर को लेकर हुआ प्रदर्शन ,खून से लिखा गया ज्ञापन

लखनऊ, संवाददाता | हज़रत पैगम्बर मोहम्मद मुस्तुफा (सअवव ) की एक लौती बेटी जनाबे फात्मा ज़हरा (सअ ) और चार मासूमीन के सऊदी अरब के मदीने में स्थित रौज़ों को सन 1926 (8) शव्वाल को उस वक़्त के शासक आले सउद के आदेश पर मुन्हदिम (ध्वस्त) करवा दिया गया था | इन मुक़द्दस (पवित्र) हस्तियों के रौज़ों को गिरवाने वाले कोई और नहीं ,मुसलमान ही थे | मुसलमानों का एक बड़ा फ़िरक़ा मज़ारात और रौज़ों को नहीं मानता या ये कहा जाए कि उन नजिस और नाम निहाद मुसलमानों से इन अज़ीम हस्तियों का एहतराम देखा नहीं जा रहा था, और इसीलिए बे वजह इन अज़ीम हस्तियों के रौज़ों को मुन्हदिम करवा दिया गया | आज भी दुश्मनी का ये हाल है कि जन्नतुल बक़ी, जहाँ इन मासूमीन की क़ब्रगाहें है ,उधर की ओर देखकर न तो फातेहा पढ़ा जा सकता और न ही इन पर रोया जा सकता है और न ही इन मुक़द्दस हस्तियों की शहादत पर मातम किया जा सकता है | जब से इन मुक़द्दस हस्तियों के रौज़ों को धवस्त किया गया है तब से वहां रौज़ों के निर्माण की दुनिया भर का शिया मुसलमान मांग करता आ रहा है |
आज 8 शव्वाल को दुनिया भर के शिया सम्प्रदाय ने अपने अपने तरह से विरोध प्रदर्शन किया | इस बार कोरोना वायरस के कारण ऑन लाइन विरोध प्रदर्शन अधिक हुआ | हालाँकि लखनऊ में मजलिस-ए-उलमा-ए- हिंद की जानिब से हाथों में पोस्टर लेकर ऑनलाइन प्रदर्शन किया गया। मजलिस-ए-उलमा-ए- हिंद के महासचिव मौलाना सैयद कल्बे जावद नकवी के नेतृतव में राजधानी में न केवल प्रदर्शन किया गया बल्कि जिला प्रशासन के माध्यम से ऑनलाइन ज्ञापन भी दिया गया। इसी तरह धर्मगुरु डॉ .यासूब अब्बास ने जन्नतुलबकी की तामीर की मांग को लेकर इस वर्ष शहीद स्मारक के बाहर धरना न देते हुए अपने नक्खास स्थित आवास अवध पॉइंट के बाहर सऊदी हुकूमत के विरुद्ध लगभग 40 लोगों के साथ धरना दिया और 5 लोगों ने छुरी और ज़ंजीर का मातम कर विरोध जताया ,इस दौरान डॉ. यासूब अब्बास ने भी लहू का मातम किया और अपने लहू से ज्ञापन लिखा | इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन भी किया गया | या अली या ज़हरा की सदाओं से नक्खास का इलाक़ा गूंज रहा था ,साथ ही उत्तेजित लोग सऊदी हुकूमत के विरुद्ध मुर्दा बाद के नारे भी लगा रहे थे |
यासूब अब्बास ने दिए अपने बयान में कहा कि सऊदी हुकूमत इस्लामिक देश नहीं ,बल्कि आतंकवादी देश है | उन्होंने कहा हम भारत सर्कार से अनुरोध करते है कि भारत सऊदी सरकार पर दबाव बनाए ताकि वहां रसूल अल्लाह की बेटी और 4 मासूमीन की मज़ारात की तामीर हो सके| उधर मौलना कल्बे जवाद ने कहा कि सऊदी अरब इस्लाम और मुसलमानों का खुला दुश्मन है। इस साल पूरी दुनिया में जन्नतुल बकी की तामीर करवाने को लेकर होने वाली रैलियां रद्द कर दी गयी हैं | उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से ये कदम उठाया गया है मगर जंनतुल बकी की तामीर और सऊदी अरब के आतंकवाद के खिलाफ मजलिसे उलमाए हिंद की ओर हमेशा विरोध प्रर्दशन जारी रहेगा |। मौलाना ने कहा कि सऊदी हुकूमत एक आतंकवादी राज्य है जिसने इजराइल और अमरीका की सरपरस्ती में पूरी दुनिया में आतंकवाद को बढ़ावा दिया है। जंनतुल बकी में रसूल की बेटी हजरत फातिमा जहरा(स0अ) अइम्माए मासूमीन और सालेहीन के मजार है जिन्हें वर्षों पहले आले सऊद ने गिरवाकर अपने आतंकवादी होने का सुबूत दिया था। हम आज भी आले सऊद के इस्लाम विरोधी कारनामों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है और मांग करते है कि जन्नतुल बकी के पुनः निर्माण की इजाजत दी जाए |

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