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शिवपाल का सेक्युलर मोर्चा क्या सपा के क़द तक पहुंचने में हो सकेगा कामयाब ?

किसकी साज़िश पर हो रहा है गठबंधन में बिखराव ?

लखनऊ (सवांददाता) आगामी 2019 लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा के विरुद्ध एक जुट होते हुए विरोधी दल बिखरते हुए नज़र आ रहे हैं | अभी बसपा सुप्रीमों व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने जिस खूबसूरती से कांग्रेस से किनारा किया है ठीक उसी तरह समाजवादी पार्टी भी लगभग कांगेस से किनारा कर चुकी हैं | समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने दिल्ली में अपने पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ जाकर ये साबित कर दिया था कि वो अपने भाई शिवपाल सिंह यादव के साथ नहीं बाल्कि अपने पुत्र के साथ हैं | लेकिन अभी कल ही मुलायम सिंह यादव ने अपने भाई शिवपाल सिंह यादव का मंच साझा करके ये बता दिया कि वो अपने भाई की नई पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के साथ हैं | यही नहीं आज मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव भी शिवपाल सिंह यादव के मंच पर आ गई हैं। शिवपाल सिंह यादव के समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के गठन के बाद पहली बार उनके साथ मंच पर आईं अपर्णा यादव ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा को मजबूत बनाने का आह्वान किया हैं ।

शिवपाल सिंह यादव लखनऊ में राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। अपर्णा यादव इसी कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि आई थीं। विश्वेश्वरैया सभागार में आज उनके साथ मंच पर मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव भी थीं। अपर्णा यादव ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ के कैंट क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। आज राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के स्थापना दिवस के कार्यक्रम में शिवपाल सिंह यादव के मंच पर बैठीं अपर्णा यादव ने अपने चचिया ससुर के अभियान को जमकर सराहा। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि सेक्युलर मोर्चा आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि नेताजी के बाद मैंने इन्हीं को सबसे ज्यादा माना है। मैं चाहती हूं कि सेक्युलर मोर्चा आगे बढे। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि चुनाव में अच्छे लोगों को चुनकर लाइए। उन्होंने कहा कि आज भारत में किसान मर रहा है, जवान मर रहा है। अगर हमें अपने बेटों को ऐसे ही शहीद करना है तो इससे अच्छा है कि खड़ा करके उनको गोली मार दें।

मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा चुनाव में सिर्फ शिवपाल सिंह यादव, अपर्णा यादव तथा पारसनाथ यादव के लिए चुनाव प्रचार किया था। जिसमें शिवपाल सिंह यादव ने इटावा के जसवंतनगर तथा पारसनाथ यादव ने जौनपुर के मल्हनी से जीत दर्ज की थी। हालाँकि इस समय जो क़द पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का हैं वो अब शिवपाल क्या, मुलायम सिंह यादव का भी नहीं है | ये अलग बात है कि शिवपाल की पार्टी सपा को थोड़ा बहुत नुक़सान पंहुचा सकती है, लेकिन वो किसी भी सौदा करने के हालात में नहीं आ सकेगी |

 

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