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वक्फ राज्यमन्त्री मोहसिन रज़ा को वक्फ अधिनियम, का अध्यन ठीक से करना चाहिये :वसीम रिज़वी

सीईओ , शासन, न वक्फ के राज्य मन्त्री को है बोर्ड के इस्तेमाल का अधिकार :वसीम रिज़वी

लखनऊ ,संवाददाता | वक्फ अधिनियम के अनुसार बोर्ड के अधिकारों को सिर्फ निर्वाचित बोर्ड ही संचालित कर सकता है। बोर्ड के अधिकार का इस्तेमाल न तो मुख्य कार्यपालक अधिकारी कर सकता है और न ही शासन कर सकता है और न ही वक्फ के राज्य मन्त्री कर सकते है। वक्फ के राज्यमन्त्री जी को वक्फ अधिनियम, का अध्यन ठीक से करना चाहिये। मैंने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि जब तक वक्फ बोर्ड का चुनाव न हो तब तक वक्फ बोर्ड का कार्यकाल बढ़ाया जाये या तत्काल वक्फ बोर्डो का चुनाव करा कर वक्फ बोर्ड का गठन किया जाये| नही तो वक्फ से सम्बन्धित कार्य प्रभावित होंगे, क्योंकि किसी भी परिस्थित में वक्फ बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के बाद बोर्ड पर प्रशासक नियुक्त करने का कोई प्राविधान वक्फ एक्ट में नही है। पूर्व की सरकार में एक बार ऐसा हुआ था तो मा0 उच्च न्यायालय ने प्रशासक द्वारा किये गए सभी आदेश रद कर दिये थे और प्रशासक के कार्यों पर रोक लगा दी थी, इस लिये शासन को विधि विपरीत कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए l उत्तर प्रदेश शिया सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व अध्य्क्ष वसीम रिज़वी का आज तब आया है जब अभी जल्द ही वक़्फ़ मंत्री मोहसिन रज़ा द्वारा एक बयान में वसीम रिज़वी पर आरोप लगाए गए थे | वसीम रिज़वी ने कोउन्टर करते हुए जहाँ शिया धर्म गुरु सैय्यद कल्बे जव्वास नक़वी पर आरोप लगाए हैं तो वहीँ उन्होंने विजय माल्या सहित वक़्फ़ मंत्री मोहसिन रज़ा को भी नहीं छोड़ा है | वसीम रिज़वी ने आज जारी अपने प्रेस नोट में कहा कि मेरे उ0प्र0 शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद पर रहते हुए अपना पाॅच साल का कार्यकाल पूरा किया, जिसके लिये मैं वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों और उ0प्र0 शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्यों का शुक्रगुज़ार हॅू कि जिन्होंने मेहनत व लगन के साथ वक्फ के कार्य करते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाई।
उन्होंने ने आगे लिखा कि मैं वर्ष-2005 से 2020 तक में चार बार उ0प्र0 शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड का चेयरमैन चुना गया, लेकिन यह पाॅच साल मेरे लिये बहुत महत्वपूर्ण गुजरे, क्योंकि हिन्दुस्तान का सबसे विवादित मामला राम जन्म भूमि विवाद मे मा0 सुप्रीम कोर्ट में मैंने बिना शिया कटटरपंथी मुल्लाओं के दबाओं में आए या किसी भी शिया जमात के दबाव में आए हुए पहली बार उ0प्र0 शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से राम जन्म भूमि प्रकरण में अपनी बात रखी, मुझसे पहले उ0प्र0 शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से किसी ने यह हिम्मत नही की , क्योंकि हक बोलते हुए लोग डरते थे। मुझे जान से मार देने के लिए दाऊद इब्राहिम ने कोशिश की पाकिस्तानी संगठनों ने मेरे सर के ऊपर इनाम घोषित किया दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने मेरी हत्या करने आए दाऊद के लोगों को पकड़ा l
लेकिन मैंने सुप्रीम कोर्ट मे मुगलों के कुकर्मों का समर्थन न करते हुए भगवान श्री राम का पक्ष लिया और श्री राम जन्म स्थान पर राम मन्दिर बनाये जाने के हक में अपना हलफनामा दिया। मेरा यह विचार था कि हिन्दुओं का हक उनको मिलना चाहिये और हिन्दू मुसलमान का तआसुब जो बढ़ रहा है, वह खत्म होना चाहिये। राम जन्म भूमि पर राम मन्दिर बनना हिंदुओं का हक है, अगर मस्जिद बनाई जानी है तो किसी गैर विवादित पाक जगह पर मस्जिद बनाई जाये।
और फैसला भी वही हुआ जैसा कि उ0प्र0 शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड चाहता था, यह उ0प्र0 शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड की जीत है, जिसके लिये हम अपने आपको खुशनसीब समझते है।
हमने अपने कार्यकाल में ज्यादातर वक्फ सम्पत्तियों को शिया कटटरपंथी मुल्लाओं के चुन्गल से छुड़ाया उनका जो दबाव वक्फ बोर्डो पर बना रहता था, उसको खत्म किया, शिया कब्रिस्तानों में जो हज़ारों से लाखों तक की कबरें बेची जा रही थी, उस पर रोक लगाई और कब्रों को निःशुल्क किया।
मुल्ला कल्बे जवाद जो बाबरी मस्जिद के पक्ष में हाई कोर्ट में गवाही दे चुके थे और वक्फ की जायदाद को अपनी जायदाद समझ कर बर्बाद कर रहे थे और उ0प्र0 में सबसे महंगी कब्रे बेच रहे थे बस उनको रोकने में उ0प्र0 शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड सफल नही हो पाया, वह आज भी गुफरानमआब में 05 लाख तक की कब्र बेंच रहे है, लेकिन हमने उनके खिलाफ भी कार्यवाही की वह बात अलग है कि धार्मिक मुल्ला होने की वजह से हर हुकूमतों ने उनके खिलाफ कार्यवाही में मेरी मदद नही की।
जब समाजवादी पार्टी की हुकूमत में मुल्ला कल्बे जवाद के विरूद्व मुझे साक्ष्य मिले कि उनके द्वारा वक्फ सम्पत्ति की प्लाॅटिंग की गई है, उस पर इमारते बना कर पैसों की वसूली की गई है, करोड़ों की कब्र बेंची गई है और इन सब चीजों से मिलने वाली वक्फ की आमदनी का कोई हिसाब-किताब उनके पास नही है, उन्होंने वक्फ से की गई अवैध वसूली को अपने निजी स्वार्थ में खर्च किया है, तो हमने अखिलेश जी से सी0बी0आई0 जाॅच कराने की मांग की लेकिन कल्बे जव्वाद के दबाव में कोई कार्यवाही नही हुई।
हम बधाई देते है आदरणीय मुख्यमन्त्री योगी जी को जिन्होने वक्फ बोर्डो की सी0बी0आई0 की जाॅच की सिफारिश की है, कम से कम निषपक्ष जाॅच हो जाने के बाद दूध का दूध पानी का पानी तो हो जायेगा।
मा0 राज्यमन्त्री मोहसिन रज़ा जी जब काॅन्ग्रेस पार्टी में थे तो उन्होने भी अपने परिवारिक वक्फ सफीपुर की बहुत सी जायदाद को अपने परिवार के साथ मिल कर बेचा है, जिसकी मुझे शिकायत मिली थी और मैंने उस पर कार्यवाही की मेरी उनसे कोई जाति दुशमनी नही है। कोंग्रेस छोड कर वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और किसमत से वह वक्फ मन्त्री ही बन गए, तो मैंने उनके मामले से हुकूमत को अवगत करा दिया। इस वक्त वह एक इमानदार हुकूमत और संत इमानदार मुख्यमन्त्री के मंत्रीमण्डल में है, उनको हमसे ज़ाति दुशमनी नही रखनी चाहिये, जैसे वह बयानात दे रहे है, उससे साफ लगता है कि वह कांग्रेस के जमाने में अपनी की गई गल्तियों पर शर्मिन्दा नही है, बल्कि मुझसे जाति तौर पर दुशमनी रखे हुए है। वह अपने पद से इस्तीफा देकर निष्पक्ष सीबीआई जांच करा लें l
जब सी0बी0आई0 जाॅच की सिफारिश हुई थी, तो मेरे द्वारा भारत सरकार के गृृृह विभाग को वक्फ बेचने वाले और खरीदने वालों की पूरी सूची उपलब्ध करा दी गई थी, जिसमें विजय मालया, मुल्ला कल्बे जवाद, मोहसिन रजा, पूर्व मन्त्री शहजिल इस्लाम सहित अनेक प्रभावशाली व्यक्ति शामिल है। मेरे दौर में उपरोक्त सभी व्यक्तियों से सम्बन्धित वक्फ चोरी के अभिलेख कार्यालय वक्फ बोर्ड में मौजूद थे, अब बचे रहेंगे या नही इसकी मेरी कोई जिम्मेदारी नही है।

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