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राज कुमार अकेडमी ने फ़ीस मांगने के लिए किया ग़लत भाषा का प्रयोग

लखनऊ,संवाददाता | प्रदेश सरकार द्वारा जबरन फ़ीस वसूली के मामले में स्कूलों को फटकार लगाए जाने के बावजूद स्कूलों द्वारा फ़ीस जमा करने के लिए मनमानी जारी है |

स्कूल द्वारा सीधे तौर से कहा जा रहा है कि फ़ीस जमा करो वरना स्कूल भूल जाओ | कोरोना वायरस की रोकथाम के कारण लगाए गए लॉकडाउन से तबाह हुए रोज़गार अभी पटरी पर नहीं आ सके हैं | लोग धीरे धीरे अपने उजड़े हुए व्यवसाए को फिर से बसाने के लिए प्रयासरत हैं ,लेकिन बच्चों की शिक्षा अभिभावकों के लिए मुश्किल होती जा रही है | उसपर बच्चों की फ़ीस जमा करने के लिए जारी स्कूल का तुगलकी फरमान अभिभावकों को परेशान कर रहा है |
ये मामला के लखनऊ राज कुमारअकेडमी स्कूल का प्रकाश में आया है | स्कूल के व्हाट्स एप्प ग्रुप पर जो सन्देश दिया गया है उसकी भाषा सरासर ग़लत है | जो टोटिस भेजा गया है उसमे कुल 340 छात्र छात्राओं पर 49 ,24 ,013 रूपए बकाया हैं |

नोटिस में लिखा है …….

प्रिय अभिभावक, आशा है आप सकुशल होंगे | आप को याद दिला दें कि बच्चों का बोर्ड रजिस्ट्रेशन हो चुका है | हर स्थित में परीक्षा होनी ही है | आप में से ज़्यादातर लोग फ़ीस नहीं जमा कर रहे हैं |
कृपया नोट करें : 25 दिसंबर तक अक्टूबर 2020 तक की फ़ीस जमा कर दें अन्यथा स्कूल को भूल जाएं | बच्चों को घर पर ही बैठ लें | उन सभी अभिभावकों का हार्दिक अभिनन्दन जिहोने फ़ीस जमा कर दी है | फ़ीस काउंटर खुलने का समय का समय : सुबह 9 :30 से 12 :30 तक |
फ़ीस जमा कर दें अन्यथा स्कूल को भूल जाएं ,ये भाषा कोई शिक्षक प्रयोग करे तो हैरत की बात है | ये अलग बात है कि अगर अभिभावक फ़ीस नहीं जमा करेंगे तो स्कूल कैसे चलेगा |

लेकिन ये देखना भी ज़रूरी है कि किस भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है | इस खबर की जानकारी भी एक अभिभावक ने दी है |

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