जब देश वासियों मे ईलकशन का जोर था
बेटी पढाओ बेटी बचाओ का शोर था
लेकिन मिली जो कुरसी तो सब भेद खुल गए
मैले कुचैले चेहरे गुलाबों से धुल गए
सत्ता के लोभी देश पे धित्कार हो गए
छे साल मे करोडों बलत्कार हो गए
पढ लिख के एक बेटी जभी डाकटर बनी
घर वालों देश वालों की ऊम्मीद खिल ऊठी
पशुओं की डाकटर थी बडा उसका काम था
भारत की उस जियाली का प्रियंका नाम था
लेकिन अधर्मीयों की नज़र उस को खा गई
ये बेटी अपने ख़ून में एक दिन नहा गई
पढने का एक बेटी को इनआम ये मिला
इज्ज़त भी लूटी अर उसे ज़िदा जला दिया
हर पल जहाँ पे हिंसा की घटना घटे कोई
उस राक्षस समाज में कैसे रहे कोई
फिर यूँ हुआ पुलिस ने उन्हें गोली मार दी
ओर पापियों को उनके किये की सज़ा मिली
वो काम कर गई है तेलंगाना की पुलिस
इतिहास रच चुकी है तेलंगाना की पुलिस
एसा ही काम देश के ऐ वासियो करो
लाखों सलाम ऐसे पुलिस कर्मियों पे हो
जो दें प्रेरणा कि बलत्कार कीजिये
उनका अज़ीम आप बहिष्कार कीजिये
अज़ीम आज़मी मुम्बई