HomeSTATEपुरानी पेंशन बहाली को लेकर प्रदर्शनकारियों ने निकाला प्रदर्शन का नया तरीक़ा

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर प्रदर्शनकारियों ने निकाला प्रदर्शन का नया तरीक़ा

लखनऊ (सवांददाता) सरकारी कर्मचारियों की पेंशन एक ऐसा साधन हैं , जिसे बुढ़ापे का सहारा भी कहा जा सकता है | इंसान जिस उम्र में अपने बचपन की तरह हो जाता है और उसकी औलादे उसे उस तरह नहीं पालती हैं, जिस तरह बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों को बचपन में पालकर जवान करते है | ऐसी स्थिति में यदि इन कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो ये कर्मचारी आखिर क्या करेंगे | पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे कर्मचारियों ने अब प्रदर्शन का एक नया तरीका ढूंढ लिया है | आज पुरानी पेंशन बहाली को लेकर विगत कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश भर के सभी सांसदों के घर के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इसी के चलते अटेवा पेंशन मंच के पदाधिकारियों ने सांसद हरिओम पांडेय के पैतृक घर के सामने भूख हड़ताल करके धरना दिया। शिक्षकों ने सांसद से सदन में आवाज उठाने की मांग की। कहा कि सरकार को कर्मचारियों की इस समस्या को गंभीरता से दूर करना चाहिए। 
सांसद हरिओम पांडेय ने मंच के धरने में शामिल होकर सभी को संबोधित किया और भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों को सदन में भी उठाया जाएगा। शिक्षकों ने सांसद को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन भी सौंप दिया है ।

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राकेश रम ने शिक्षकों से एकजुट रहने का आह्वान करते हुए कहा, कि सांसद आवास का घेराव व प्रदर्शन आंदोलन का पहला पड़ाव है। पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर अटेवा मंच चुप नहीं बैठेगा। इसमें सभी पदाधिकारियों व सदस्यों को एकजुट होने की जरूरत है।

सांसद हरिओम पांडेय के विरसिंहपुर स्थित आवास पर आयोजित धरने को जिलाध्यक्ष शीतला प्रसाद मिश्र ने सदस्यों से एकजुट होने का आहवान किया। कहा कि सरकार से नई पेंशन योजना बंद करने व पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग की जा रही है। सरकार जब तक उनकी यह मांग पूरी नहीं करती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

प्रदेश संयुक्त मंत्री संजय उपाध्याय ने कहा कि एनपीएस पूर्णत: जोखिम भरी एवं पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाली योजना है। सरकार ने हमारी बुढ़ापे की लाठी को छीन लिया है। इसके चलते सामाजिक असुरक्षा का खतरा उत्पन्न हो रहा है।

जिलाध्यक्ष ने बताया कि आगामी 26 नवंबर को दिल्ली में पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए आंदोलन होगा। सरकार जब तक उनकी इस मांग को पूरा नहीं करेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर संजय उपाध्याय, धर्मेंद्र यादव, श्यामभूषण सोनी, शशिकुमार मिश्र, अनूप शुक्ल, अरुण तिवारी, अजीत यादव व शैलेंद्र शशि सहित कई अन्य नेतागढ़ मौजूद थे।

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