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पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल जारी, 6 सूत्रीय मांगों के बाद ख़त्म हो सकती है हड़ताल

ममता बनर्जी की अपील के बावजूद नहीं झुके जूनियर डॉक्टर

लखनऊ (सवांददाता) पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर के साथ 10 जून को हुई मारपीट की घटना के बाद डॉक्टरों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी थी | मारपीट की इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जूनियर डॉक्टरों ने 5 दिन से हड़ताल जारी रखी हुई थी, लेकिन इस मामले बाद पश्चिम बंगाल में मरीजों का बुरा हाल हो गया था | मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मामले को लेकर काफी गंभीर थीं| उन्होंने आज पांच दिन से हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की सभी मांगें मान ली हैं और उन्होंने आज ही डॉक्टरों से हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने की अपील की है । यही नहीं उन्होंने डॉक्टरों की हमदर्दी हासिल करने के लिए 10 जून को हुई मारपीट की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सभी जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार है। इसके अलावा उन्होंने डॉक्टरों को यक़ीन दिलाया है कि निजी अस्पतालों में भर्ती जूनियर डॉक्टरों के इलाज का खर्च भी सरकार उठाएंगी । साथ ही किसी भी डॉक्टर के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी ।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 14 जून से तीन दिनों तक देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करने के साथ 17 जून को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया था। आईएमए ने अस्पतालों में डॉक्टरों के खिलाफ होने वाली हिंसा की जांच के लिए कानून बनाये जाने की मांग भी की थी । संगठन की मांग है कि इसका उल्लंघन करने वालों को कम से कम 7 साल जेल की सजा का प्रावधान होना चाहिए।
साथियों के साथ हुई मारपीट के विरोध में डॉक्टर 11 जून से हड़ताल पर बैठे हुए हैं| इस हड़ताल का संज्ञान केंद्रीय स्वस्थ मंत्री ने भी लिया है| इस दौरान 300 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल 14 जून को डॉक्टरों को बातचीत का प्रस्ताव दिया था, लेकिन डॉक्टरों ने उसे ठुकरा दिया।13 जून को ममता बनर्जी ने कहा था कि डॉक्टर अपनी हड़ताल खत्म करके काम पर लौट आये, नहीं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर उनके इसी बयान से काफी नाराज़ थे |
अब तक कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के 95, दार्जिलिंग में नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के 119 और सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज के 18 डॉक्टरों समेत कई अस्पतालों के 300 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। उनका कहना है कि वे हिंसा और धमकियों के माहौल में काम नहीं कर सकते।
यही नहीं डॉक्टरों की हड़ताल ख़त्म करने के बावत 6 शर्ते भी रखी गई है, जिसमे मुख्य रूप से
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को डॉक्टरों को लेकर दिए गए बयान पर बिना शर्त माफी मांगें जाने,
डॉक्टरों पर हुए हमले की निंदा सम्बन्धी एक बयान जारी करने,पुलिस की निष्क्रियता की जांच करने , डॉक्टरों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने, जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों पर लगाए गए झूठे आरोपों को वापस लिए जाने और अस्पतालों में सशस्त्र पुलिसकर्मियों की तैनाती किये जाने की मांग शामिल
है ।

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