लखनऊ ,संवाददाता | कृषि क़ानून को वापस लेने की मांग को लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन को ढाई महीने से ज्यादा हो गए हैं लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अभी भी अड़े हुए हैं | भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने दोहराया कि किसान की उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनाया जाए और सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को वापस ले | उन्होंने कहा कि देश में भूख पर व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी | जितनी भूख होगी अनाज की क़ीमत भी उतनी होगी | जो देश में भूख का व्यापार करेगा उसे बाहर निकाला जाएगा | उन्होंने कहा कि जिस प्रकार विमानों के टिकटों की कीमतें बढ़ती है वैसे फसल की कीमत नहीं हो सकती है |
टिकैत ने कहा कि नए कृषि क़ानून कि खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि एमएसपी को कानून नहीं होने के कारण व्यवसाई कम कीमत पर खरीद उन्हें लूटने का काम करते हैं | उन्होंने किसानों के आंदोलन को जाति धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश की भी निंदा की | उन्होंने कहा कि पहले किसान आंदोलन को सिर्फ पंजाब के मुद्दे के तौर पर दर्शाया फिर जाट मुद्दे के तौर पर पेश किया गया | उन्होंने कहा कि देश का किसान पूरी तरह से एकजुट है और यहां कोई छोटा या बड़ा नहीं है |