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दुर्गा पूजा और नवरात्रि के अलावा क्या चेहल्लुम का जुलुस भी उठाया जाएगा ?

ज़की भारतीय

कल्बे जव्वाद और अन्य धर्मगुरु भी कर सकते हैं चेहल्लुम के जुलुस की मांग

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य विधानसभा में विपक्षी नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा था कि दुर्गा पूजा पंडालों पर प्रतिबंध लोगों के धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार पर सीधा हमला था। कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने कहा था कि भाजपा धर्म को लेकर स्वतंत्रता की बात करते समय चयनात्मक नहीं हो सकती है और वे लोगों के बीच अंतर करने के लिए महामारी का इस्तेमाल नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा, यदि रामलीला को प्रतिबंधित दर्शकों के साथ अनुमति दी जा सकती है, तो दुर्गा पूजा के लिए क्यों नहीं?
सपा और कांग्रेस के इन बयानात के बाद योगी सरकार ने शायद इन नेताओं की बात का संज्ञान लिया और दुर्गा पूजा मनाने की अनुमति प्रदान की ,लेकिन भाजपा में शिया संप्रदाय का न्रेतत्व करने वाले किसी शिया नेता ने चेहल्लुम को मनाए जाने की कोई अपील नहीं की है | लेकिन ये तब है कि इस बार शिया धर्मगुरु सैय्यद कल्बे जव्वाद नक़वी सहित अन्य कई धर्मगुरु चेहल्लुम के जुलुस की पुरज़ोर अपील करेंगे | ऐसे हालात में योगी आदित्यनाथ सरकार ने महामारी के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ जहाँ दुर्गा पूजा मनाने की अनुमति दे दी है | वहीँ अब सरकार को शिया संप्रदाय को चेहल्लुम मनाए जाने की भी अनुमति देनी पड़ सकती है | जैसे दुर्गा पूजा पंडाल अब खुले में धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं,वैसे ही चेहल्लुम में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनकर 200 लोग खुले में धार्मिक कार्यक्रम आजोजित किये जाने की मांग कर सकते हैं | हालाँकि नए दिशानिर्देश 15 अक्टूबर से लागू होंगे जबकि चेहलूल 8 अक्टूबर को होगा | जबकि 15 अक्टूबर को जारी नए दिशा निर्देशों का लाभ नवरात्रि को मिलेगा क्योंकि नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू होगी | योगी सरकार कि ओर से योगी सरकार ने सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ दुर्गा पूजा मानाने का आदेश इस शर्त के साथ दिया है कि उन्हें कोविड के सभी दिशा निर्देशों का पालन करना होगा, जैसे सामाजिक दूरी का पालन करना और मास्क पहनना अनिवार्य होगा। किसी सीमित स्थान में होने वाले कार्यक्रमों में लोगों की संख्या पर प्रतिबंध भी लगाया गया है। इसके मद्देनजर हॉल की क्षमता के अनुसार मात्र 50 प्रतिशत और अधिकतम 200 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। नए दिशानिर्देश 15 अक्टूबर से लागू होंगे, वहीं नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। सरकार के इस फैसले से दुर्गा पूजा समितियों में खुशी की लहर दौड़ गई है, वह पहले से ही त्योहार की तैयारियों में जुट गई हैं।

जानकीपुरम इलाके में एक दुर्गा पूजा समिति के सदस्य आनंद बनर्जी ने कहा, हमने गुरुवार की पूरी रात दुर्गा पूजा समारोहों की योजना तैयार करने में बिताई, क्योंकि हमारे पास 15 दिनों से भी कम समय है। हम दुर्गा पूजा समारोह आयोजित करने की अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री के आभारी हैं। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से राज्य में दुर्गा पूजा पंडालों को पूजा आयोजित करने की अनुमति देने का आग्रह किया था।

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