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क्या भाजपा को जिताने के लिए उत्तर प्रदेश में उतरी है कांग्रेस ?

सहारनपुर के देवबंद में ‘सामाजिक न्याय से महापरिवर्तन’ महारैली में मायावती का कांग्रेस पर ज़बानी हमला

लखनऊ (संवाददाता) लोकसभा चुनाव 2019 में सभी राजनीतिक दल अपनी जीत दर्ज कराने के लिए पूर्ण रूप से चुनावी महासंग्राम में उतर चुके है| आज सहारनपुर के देवबंद में ‘सामाजिक न्याय से महापरिवर्तन’ महारैली में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भाजपा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर ज़बानी हमला बोला। उनके साथ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव तथा राष्ट्रीय लोकदल के चौधरी अजित सिंह भी मौजूद थे |

देवबंद में सहारनपुर-मुजफ्फरनगर स्टेट हाईवे के देवबंद में कासिमपुरा गांव के तिब्बियां कालेज के निकट मैदान में इस रैली का आयोजन किया गया था | मायावती ने जनता को सम्बोधित करते हुए जहाँ कांग्रेस पर हमला बोला वहीँ उन्होंने भाजपा को भी निशाने पर रक्खा | उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कई सीटों पर ऐसे प्रत्याशी खड़े किए हैं जो भाजपा को फायदा पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त ही खाट यात्रा याद आती है। मायावती ने मुसलमानों को कहा कि आपका वोट बंटना नहीं चाहिए, आप सभी गठबंधन को एकतरफा वोट करें।

सहारनपुर में मुसलमानों को मालूम है कि यहां के बसपा प्रत्याशी का टिकट हमने पहले ही घोषित कर दिया था लेकिन कांग्रेस ने जानबूझ कर भाजपा को जिताने के लिए मुस्लिम प्रत्याशी दिया। हमारे कार्यकर्ताओं का हर पोलिंग और सेक्टर लेवल पर जिम्मेदारी हैं कि हमारा एक भी वोट ना बंटने पाए। कांग्रेस ने मुझे मिलने वाले वोटों को बांटने के लिए ऐसी जाति और धर्म के उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिससे भाजपा जीत जाए। हालाँकि मायावती के इस दावे की बात इसलिए खोखली नज़र आ रही हैं , क्योकि गठबंधन में मायावती ने जल्दबाज़ी करते हुए सपा सहित अन्य दलों से गठबंधन तो कर लिया लेकिन कांग्रेस को नज़रअंदाज़ कर दिया | अब प्रदेश में कांग्रेस गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ रही है, ऐसी स्थति में कांग्रेस को अपने उम्मीदवारों को विजय बनाने के लिए भरसक प्रयास तो करना ही होगा | मायावती कहाँ तक कांगेस को इस मामले में बदनाम कर सकेगी | गठबंधन को लेकर उठ रहे सवालों को देखा जाये तो ये बात लोगों की ज़बान पर आने लगी है कि बहुजन समाज पार्टी द्धारा आनन फानन में गठबंधन करके कांग्रेस को अलग करके खुद ही भाजपा को लाभ पहुंचने के लिए बसपा ने गठबंधन किया है | क्योकि सपा हो या बसपा, सभी दल प्रदेश स्तर के हैं, जबकि कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर की पार्टी है | मतदाताओं की चुप्पी अभी भले ही किसी अंजाम की तरफ इशारा न करे लेकिन ये तय है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस का मुक़ाबला कड़ा होने की सम्भावना है |

हालाँकि आज मायावती ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि कांग्रेस ये मानकर चल रही है कि न हम जीतेंगे और न ही गठबंधन को जीतने देंगे, इसलिए उसने बीजेपी को फायदा पहुंचाने वाले उम्मीदवार उतारे हैं। उन्होंने कहा कि अब जाट भाई में साथ आ गए हैं, उन्होंने कहाँ कि सहारनपुर में बड़ी तादाद में बसपा का बेस वोट है मैं मुस्लिम समाज को कहना चाहती हूं कि अगर भाजपा को हराना है तो भावनाओं में बहकर वोट को बांटना नहीं है।

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