HomeINDIAएकअंग्रेजी अखबार का बड़ा खुलासा , संघ और भाजपा से जुड़े संस्थानों...

एकअंग्रेजी अखबार का बड़ा खुलासा , संघ और भाजपा से जुड़े संस्थानों को चीन से क्यों मिलती थी आर्थिक सहायता ?

जे.पी नड्डा के सवाल का जवाब कांग्रेस ,तो इसका जवाब कौन देगा ?

लखनऊ ,29 अप्रैल | एक अंग्रेजी समाचार पत्र ने अपनी एक खबर में लिक्खा है कि संघ और भाजपा से जुड़े संस्थानों को चीन से आर्थिक सहायता मिलती रही है | जिन संस्थानों को यह आर्थिक मदद मिलती रही है, उनसे विदेश मंत्री एस.जयशंकर के बेटे व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के संबंध हैं |
द टेलीग्राफ के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित खबर “China cash that BJP cannot see : Think-tanks linked to govt top guns have ‘working relationships’” में बताया गया है कि
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, एक विदेशी नीति थिंक टैंक जो कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बेटे के साथ जुड़ा हुआ है, ने 2016 में कलकत्ता में चीनी वाणिज्य दूतावास से धन प्राप्त किया |ओआरएफ रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा समर्थित है | एक अन्य थिंक टैंक, विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन ने अपनी वेबसाइट पर घोषित किया है कि वह विदेश और रणनीतिक नीति के मामलों में नौ चीनी संस्थानों के साथ काम कर रहा है | राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (VIF) के निदेशक हैं, जो भाजपा नेताओं और आरएसएस के साथ घनिष्ठ संबंध रखता है | इन थिंक टैंक्स ने खुद यह जानकारी काफी पहले सार्वजनिक डोमेन में डाल दी थी |
विदेश मंत्री के बेटे ध्रुव जयशंकर पिछले साल ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) में यूएस इनिशिएटिव के निदेशक बने | विदेश मंत्री, चीन के एक पूर्व राजदूत, ओआरएफ के लिए एक नियमित आगंतुक हैं जहां वह विभिन्न विदेश नीति से संबंधित विषयों पर वार्ता करते हैं |
ओआरएफ वेबसाइट विदेशी दानदाताओं और उनसे प्राप्त राशियों की सूची रखती है | इसके मुताबिक थिंक टैंक को तीन अनुदान प्राप्त हुए , जिसकी राशि 2016 में चीनी वाणिज्य दूतावास-जनरल से 1.25 करोड़ रुपये और अगले वर्ष 50 लाख रुपये थी |
फाउंडेशन को कलकत्ता में चीनी वाणिज्य दूतावास से -29 अप्रैल, 2016 को 7.7 लाख रुपये मिले; दूसरी राशि उसी वर्ष 4 नवंबर को 11.55 लाख रु और उस वर्ष 31 दिसंबर को “रिपब्लिक ऑफ चाइना के काउंसलेट जनरल” से 1.068 करोड़ रु. मिले | 1 दिसंबर, 2017 को “चीन के जन गणतंत्र के महावाणिज्य दूतावास” से 50 लाख रुपये का अनुदान आया |
विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन की वेबसाइट ने जिन संस्थानों के साथ अपने सहयोग को सूचीबद्ध किया है उनमें चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्ट्रैटेजिक स्टडीज (बीजिंग); चीन के अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संस्थान (बीजिंग); दक्षिण एशियाई अध्ययन केंद्र, पेकिंग विश्वविद्यालय (बीजिंग); हिंद महासागर अर्थव्यवस्थाओं के लिए अनुसंधान संस्थान, युन्नान विश्वविद्यालय वित्त और अर्थशास्त्र, कुनमिंग; चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी, बीजिंग के अंतर्राष्ट्रीय रणनीति के राष्ट्रीय संस्थान; दक्षिण एशिया और पश्चिम चीन सहयोग और विकास विश्वविद्यालय, चेंग्दू के लिए केंद्र; दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान, सिचुआन विश्वविद्यालय, चेंग्दू; सिल्क रोड थिंक टैंक नेटवर्क डेवलपमेंट रिसर्च काउंसिल, बीजिंग; और भारतीय अध्ययन केंद्र, शेन्ज़ेन शामिल हैं |
समाचार पत्र ने सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के हवाले से कहा है कि दोनों थिंक टैंकों के सदस्यों की शासन के महत्वपूर्ण केंद्रों नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक में पर्याप्त पहुंच थी ,और जानकारी के लिए आप इस लिंक को क्लिक कर के भी पढ़ सकते हैं |

https://www.telegraphindia.com/amp/india/india-china-clash-china-cash-that-bjp-cannot-see/cid/1784359 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read