HomePOLITICSअली बनाम बजरंगबली का राजनीतिकरण क्यों ?

अली बनाम बजरंगबली का राजनीतिकरण क्यों ?

लखनऊ (सवांददाता) अली बनाम बजरंगबली का राजनीतिकरण अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है | ना जाने क्यों ये राजनीति दल गन्दी राजनीति में इन पवित्र हस्तियों को बीच में ला रहे है ? क्या इन बातों से हिन्दू अलग और मुसलमान अलग हो जायेगा , या फिर बजरंगबली कहकर राजनीतिक दल पुनः प्रचंड बहुमत से केंद्र में सरकार बना लेंगे ? यदि नहीं तो आखिर क्यों भोलीभाली जनता को ये राजनीतिक दल अलग-थलग करने का नाकाम प्रयास कर रहे हैं | यदि हिन्दू और मुसलमान भाइयों के इस मामले पर बयान लिखे जाये तो ज़ाहिर है कि दोनों धर्मों के बीच नफरत की खाई बन जाएगी, जो देशहित के लिए उचित नहीं है | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बीच अली और बजरंगबली को लेकर अभी घमासान रुका भी नहीं था कि आज केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी इस मामले में बेवजह कूद पड़े है । भाजपा के फायरब्रांड नेता और बेगूसराय से उम्मीदवार गिरिराज सिंह ने आज़म ख़ान के ‘बजरंगअली’ वाले बयान पर खुलेआम धमकी देते हुए कहा है कि बेगूसराय में चुनाव खत्म होने के बाद वे रामपुर जाएंगे और आजम खान को बताएंगे कि बजंरगबली क्या हैं?

इस मामले में एक खास बात बताते चलें कि हज़रत अली के मानने वालों में सभी मुस्लिम धर्म के लोग शामिल हैं , इसलिए अगर इस तरह की बातों पर चुनाव आयोग सख्त नहीं हुआ और इसी तरह से हिन्दू और मुस्लमान एक दूसरे को इन पवित्र लोगों को मानते हुए जवाब देने लगा तो देश का माहौल ख़राब हो सकता है |

पिछले दिनों योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनावों की तुलना इस्लाम की अहम शख्सियत ‘अली’ और हिंदू देवता ‘बजरंगबली’ के बीच मुकाबले से की थी। लेकिन उन्होंने दिए अपने बयान में कुछ ऐसा नहीं कहा था जिससे किसी की आस्था को ठेस पहुँचती | लेकिन अब इस तरह की बाते करने वाले शायद देश में क़ानून व्यवस्था को ख़राब करना चाहते है |

आजम खान ने कहा था कि, ‘अली और बजरंगबली में झगड़ा मत करवाओ। मैं इसके लिए एक नाम दिए देता हूं। बजरंग अली से मेरा दीन कमजोर नहीं हुआ। योगी जी ने कहा कि हनुमान जी दलित थे और फिर उनके किसी साथी ने कहा कि हनुमान जी ठाकुर थे। फिर पता चला कि वह ठाकुर नहीं जाट थे। फिर किसी ने कहा कि वह हिंदुस्तान के नहीं श्रीलंका के थे। लेकिन बाद में एक मुसलमान ने कहा कि बजरंगबली मुसलमान थे। झगड़ा ही खत्म हो गया। जहाँ तक याद आता है कि भाजपा एमएलसी बुक़्क़ल नवाब ने बजरंगबली को मुस्लमान कहा था | मेरा मानना है कि चुनाव जनता की मूल भूत समस्याओं को दूर करने के बाद जीता जाता है, न की धार्मिक उन्माद फैलाकर |

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