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अमेठी पीड़िता मामले में कांग्रेस की संलिप्तता पुलिस द्वारा गढ़ा गया झूठ है- वीरेन्द्र चैधरी

सरकार के लिए शर्मनाक, इंसाफ के लिए आत्मदाह को मजबूर हैं पीड़िता- वीरेंद्र चैधरी

लखनऊ ,संवाददाता | उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा कि लोक भवन के सामने अमेठी की दो महिलाओं द्वारा आत्मदाह किये जाने की घटना पर सोची समझी रणनीत के तहत, साजिशन कांग्रेस पार्टी और उसके प्रवक्ता का नाम घसीटा जा रहा है। प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था को छुपाने के लिए कांग्रेस प्रवक्ता को साजिश में फंसाने का काम योगी आदित्यनाथ की पुलिस कर रही है ।पूरे प्रदेश में जंगलराज है। अपराधियों और पुलिस का गठजोड़ चरम पर है। प्रदेश की जनता अपराधियों और पुलिस के रवैय्ये से त्राहिमाम कर रही है।

सरकार के लिए शर्मनाक, इंसाफ के लिए आत्मदाह को मजबूर हैं पीड़िता- वीरेंद्र चैधरी

उत्तर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष वीरेंद्र चैधरी ने कहा कि अमेठी से आई दो महिलाओं का लोकभावन के सामने आत्मदाह के प्रयास में कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है। आत्मदाह मामले में कांग्रेस की संलिप्तता पुलिस द्वारा गढ़ा गया झूठ है। वीरेन्द्र चैधरी ने कहा कि घटना वाले दिन या उसके आसपास पीड़िता न तो अनूप पटेल से मिली , न फोन पर बात की। प्रदेश की ध्वस्त हो चली कानून व्यवस्था का ठीकरा योगी सरकार कांग्रेस के ऊपर फोड़ कर प्रदेश की जनता को गुमराह करना चाहती है । उन्होंने आगे कहा कि पीड़िता के परिवार और मीडियाकर्मियों तक को पीड़िता से मिलने नहीं दे रही है योगी की पुलिस। पीड़िता को धमका कर मनमाना बयान दिलवा रही है ,ताकि पुलिस के माध्यम से कांग्रेस को बदनाम किया जा सके।
किसी भी पीड़ित को अपनी पीड़ा बयान करने व न्याय पाने के लिए गुहार लगाना उसका नागरिक अधिकार है। उसी के तहत आत्मदाह करने वाली पीड़िता विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यालयों पर गयी थी, जिसमें अनूप पटेल ने पीड़िता को मीडिया में अपनी व्यथा रखने में मदद की थी जो किसी भी तरह गैर कानूनी नहीं है।

प्रदेश में जंगलराज का यह आलम है कि इंसाफ के लिए जनता आत्मदाह को मजबूर है। उन्होंने कहा कि अमेठी की जामों की रहने वाली दो महिलाएं दबंगो और पुलिस की रवैए से इतनी परेशान थीं कि उन्हें आत्मदाह को मजबूर होना पड़ा। यह प्रदेश सरकार के जंगलराज का चरम है कि पीड़ित आत्मदाह को मजबूर हो रहे हैं। योगी आदित्यनाथ की सरकार को चुल्लूभर पानी मे डूब जाना चाहिए।

स्मृति ईरानी जबाब दें, अमेठी की पीड़ित महिलाएं आत्मदाह को मजबूर क्यों हुईं- दीपक सिंह

विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने कहा कि अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी लॉक डाउन में जनता की सेवा करने के बजाय लूडो और अंताक्षरी खेल रही थीं। अब उनके क्षेत्र में सत्ता संरक्षण में अपराध इतना बढ़ गया कि जनता आत्मदाह को मजबूर है। वे आखिर कहां गायब हैं।

श्री दीपक सिंह ने कहा कि सरकार ने अपनी गलती मानते हुए थाने के दरोगा को सस्पेंड भी किया है। फिर ये बिना सर पैर की साजिश क्यों रच रही है। सच्चाई तो यह है कि 9 मई को साफिया की पुत्री गुड़िया दबंगों पर एफआईआर दर्ज कराती है तथा 13 मई को दबंगों द्वारा गुड़िया सहित अन्य पर फर्जी एफआईआर दर्ज करा दी जाती है। 4 जुलाई को डीआईजी, आईजी, डीजीपी एवं मुख्यमंत्री सहित सभी से न्याय के लिए प्रार्थना करती रही लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सरकार का रवैया पूर्व की तरह इस मामले में भी हीलाहवाली का रहा और मुद्दों से भटकाने एवं विरोधी पार्टी को कुचलने का कुचक्र रचती रही है। प्रदेश के अन्य विपक्षी दलों के दरवाजे बन्द हैं। मीडिया जनता की आवाज है। सरकार डरकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज करा रही है।

कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता ने कहा कि विधानसभा के गेट नम्बर तीन पर आत्मदाह के बाद प्रशासनिक कमी को छुपाने के कांग्रेस प्रवक्ता को फंसाने की भाजपा साजिश रच रही है। भाजपा को राजनीतिक शिष्टाचार नहीं भूलना चाहिए। कोई भी पीड़ित किसी भी राजनीतिक या सामाजिक संगठनों से मदद मांगता है। उसके दफ्तर जाता है, यह एक सामान्य सी बात है। भाजपा क्या कभी विपक्ष में नहीं रही है। क्या भाजपा कभी विपक्ष में नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि हजरतगंज से लेकर जामों तक पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही क्यों हो रही है? उन्होंने कहा कि पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ के चलते पीड़ित आत्मदाह को मजबूर हुईं हैं। भाजपा नेताओं से लेकर पुलिस के आला अफसरों तक न्याय की गुहार लगाने वाली पीड़ित महिलाएं आत्मदाह करने को क्यों मजबूर हुईं इसका जवाब भाजपा को देना पड़ेगा।

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