HomeINDIAअब प्रदेश का बड़ा माफिया होगा विकास दुबे, उज्जैन में थी सरेंडर...

अब प्रदेश का बड़ा माफिया होगा विकास दुबे, उज्जैन में थी सरेंडर की पहले से प्लानिंग

ज़की भारतीया

मैं कानपुर काण्ड का आरोपी विकास दुबे हूँ, मुझे गिरफ्तार करो

लखनऊ, संवाददाता । भोपाल के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर में जीवनदान लेने गए कुख्यात अपराधी को आखिरकार महाकाल ने जीवनदान दे ही दिया । जी हाँ , जिसको महाकाल ने जीवन दान दिया है, वो और कोई नहीं कानपुर में जघन्य हत्यकांड को अंजाम देने वाला कुख्यात अपराधी विकास दुबे था । इसने उत्तर प्रदेश के कानपुर में डीएसपी सहित 8 पुलिसकर्मी की हत्या की थी । विकास दुबे ने मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल के मंदिर पहुंचकर ये साबित कर दिया है ,उत्तर प्रदेश की पुलिस और ख़ुफ़िया तंत्र उसके सामने बौना है । वारदात के आठ दिनों बाद हुई गिरफ्तारी को अगर मध्य प्रदेश पुलिस भुनाने में लगी है, तो वहीँ मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में मीडिया को बताया, मैं फिलहाल बता रहा हूं कि हमने दुबे को गिरफ्तार किया है। वह हमारी हिरासत में है। जब मिश्रा से सवाल किया गया कि क्या महाकाल मंदिर में गिरफ्तारी हुई, तो उन्होंने कहा, मंदिर के बाहर—अंदर को बीच में न लाएं पर उज्जैन में गिरफ्तारी हुई है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी इस गिरफ्तारी में फ़र्ज़ी वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहे है, लेकिन पत्रकारों को मूर्ख बनाना मुमकिन ही नहीं बल्कि न मुमकिन है।

पढ़िए , गिरफ़्तारी की सत्यता, पुजारी की ज़बानी

महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष के अनुसार विकास एनकाउंटर के डर से महाकाल के दरबार में आया था। मंदिर परिसर में विकास दुबे भगवान महाकाल से प्रार्थना करने आया था कि उसकी अकाल मौत ना हो। पुजारी आशीष ने बताया कि मंदिर परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मियों को लगा कि इस शख्स की शक्ल कानपुर के अपराधी विकास दुबे से मिलती है, तो उन्होंने उसे पकड लिया। उसके बाद महाकाल मंदिर के पुलिस चौकी को सूचना दी गई। यह पूरा प्रकरण करीब 9 बजे के आसपास हुआ। विकास दुबे 250 रुपये की रसीद कटवाकर मंदिर में दाखिल हुआ था।
यही नहीं जब विकास दुबे को मंदिर के सुरक्षा गार्डों ने बिना किसी हथियार के पकड़ा तो विकास खुद चीख चीख कर कह रहा था, मैं विकास दुबे हूँ ।जिसके बाद पुलिस को सुचना दी गई ।
सूत्र बताते हैं ,महाकाल थाना पुलिस विकास को गाड़ी मे बैठाकर थाने लेकर नहीं गई बल्कि उसको कंट्रोल रूम की तरफ लेकर गई ।
जानकारी के अनुसार मंदिर के सुरक्षा गार्डों ने जब विकास को पकड़ा तब विकास ने फोटो भी खिचवाए थे , सवाल ये उठता है , वो कौन था जिसने फोटो खींचकर ये साबित करने का प्यास किया था कि विकास सरेंडर हो चुका है ? यही नहीं उसके द्वारा खुद को कानपुर वाला विकास दुबे कहे जाने की वीडिओ क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है । या तो ये संजोग है वरना ये विकास दुबे के इनकाउंटर न होने के लिए गहरी साज़िश भी कही जा सकती है ।

लखनऊ के दो वकील हिरासत में

सूत्रों के अनुसार विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद लखनऊ के वकीलों को गिरफ्तार किया गया है । इन वकीलों के तार अभियुक्त से जुड़े हुए थे ।सूत्र बताते हैं ,वकील अपने निजी वाहन से उज्जैन आए थे ।जहँ उन लोगों ने विकास को इनकाउंटर से बचने के लिए ताना बाना बना और आखिर दोनों ने उसे इनकाउंटर से बचा ही लिया ।

खुदको सरेंडर करके सरकार के बचवाए 5 लाख रूपए

कानपुर में पुलिस टीम पर हमला कर के सुखियाँ बटोरने वाले हत्यारे विकास दुबे ने जिस तरह उत्तर प्रदेश पुलिस और ख़ुफ़िया तंत्र को चकमा दिया उससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं । बात सिर्फ विकास दुबे की गिरफ्तारी की नहीं है बल्कि बात उन अपराधियों की गिरफ़्तारी की होगी जो कल इसतरह के जघन्य अपराध करके सरेंडर हो जाएंगे । विकास दुबे अभी जेल तो चला जाएगा और कुछ वर्षों बाद वो बाहर आकर इस केस से आसानी से बरी हो जाएगा । क्योंकि अदालत साक्ष्य के आधार पर फैसला करती है न कि कहानी पर । इस घटना में अभी तक सभी पुलिस अधिकारीयों के बयानों को पढ़ा या सुना जाए तो सबका ये मानना है कि घटना के समय अँधेरा था , और गोलियां चारों तरफ से चल रहीं थीं । तो कौन साबित कर सकता है कि गोली चलाने वाला विकास दुबे ही था । क्या विकास चरों तरफ से खुद फायरिंग कर रहा था ? बहारहाल विकास ने खुद सरेंडर करके 5 लाख रूपए की इनामी राशि खर्च करने से सरकार को बचा लिया है ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read