ज़की भारतीया
लखनऊ,संवाददाता | उत्तर प्रदेश में आगामी विधान सभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ पुनः सरकार बनाने से पीछे नहीं रहेगी | क्योंकि जितनी भी पार्टियां भाजपा के विरुद्ध बनेंगी वो भाजपा की विजय के लिए अमृत साबित होंगी | भारतीय जनता पार्टी का कुछ मतदाता अगर भाजपा से नाराज़ भी है तो भी भाजपा की विजय रथ पर पूर्ण विराम नहीं लगा सकेगा | बिहार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को सफलता के बाद वो भी उत्तर प्रदेश के चुनाव के लिए पर तौल रहे हैं | ज़ाहिर है कि ओवैसी की पार्टी भी उन्हीं मुस्लिम मतों पर सेंघ लगाएंगे जो सपा ,बसपा और कांग्रेस के मतदाता होंगे | यही नहीं अपनी अलग छवि बनाकर जनता का दिल जीतने वाली आम आदमी पार्टी भी उत्तर प्रदेश में युद्ध स्तर पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं | हालाँकि लोगों का कहना है कि असदुद्दीन और केजरीवाल की पार्टी संघ के इशारे पर काम करती है | अगर ये सही है तो हर हाल में ये दोनों पार्टियां उत्तर प्रदेश में जमकर मतों का ध्रुवीकरण कराएंगी और इसकी हानि सपा और कांग्रेस सहित बसपा को भी उठानी होगी | लेकिन इसका भरपूर लाभ भाजपा को मिलेगा | यही नहीं अभी और राजनितिक पार्टियों के चेहरे उत्तर प्रदेश चुनाव में सामने आ सकते हैं | फिलहाल और राजमिति पार्टियों के चेहरे सामने आएं या न आएं लेकिन जो नै राजनीती पार्टी आने वाले चुनाव में दस्तक देने वाली है वो प्रदेश के और समीकरण बिगाड़ कर रख देगी |
सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन भले ही थम गया हो, लेकिन विरोध की आग अभी दिलों में सुलग रही है | ज्ञात हुआ है कि CAA-NRC के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले अब राजनीतिक दल बनाने जा रहे हैं | उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों से ऐसे लोगों को चिह्नित करके एकजुट करने की कोशिशें चल रही है जिन्होंने इस क़ानून के विरुद्ध धरने प्रदर्शन किये है | इस पॉलिटिकल पार्टी का नाम राष्ट्रीय जस्टिस पार्टी रखा गया है | इलियास आज़मी इसकी अगुवाई कर रहे हैं. आज़मी बसपा से दो बार सांसद रह चुके हैं, वे बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी और ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के फाउण्डर मेम्बर भी रहे थे |
CAA और NRC के खिलाफ बगावत का झण्डा अलग अलग जिलों में अलग अलग लोगों के हाथों में था | खास बात ये थी कि ऐसे सभी आन्दोलनकारी किसी राजनीतिक दल के झण्डे के नीचे नहीं थे ,बल्कि अपने अपने प्रयासों से आंदोलन कर रहे थे | अब इन्हीं में से कुछ लोगों ने नये राजनीतिक दल की नींव रखी है | चुनाव आयोग में राष्ट्रीय जस्टिस पार्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन भेजा गया है | इसका चुनाव चिन्ह “तराजू” रखने के लिए आयोग से निवेदन भी किया गया है |
पार्टी के पहले अध्यक्ष इलियास आज़मी ने बताया कि मुस्लिम समाज के लोगों को इसके माध्यम से इकट्ठा तो करना है ही, साथ ही दलित समाज के लोगों को भी उनका हक दिलाने के लिए पार्टी लड़ाई लड़ेगी | आज़मी ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी पुरजोर तरीके से लड़ेगी | उन्होंने बताया कि पार्टी में कई पूर्व विधायक शामिल हो रहे हैं जिसमे पूर्व विधायक अब्दुल सलाम और इरशाद इसमें अहम भूमिका निभाएंगे | इसके अलावा प्रयागराज में आंदोलन को लीड कर चुकीं सबीहा और लखनऊ में आंदोलन करने वाली रूकैय्या सिद्दीकी भी इसका हिस्सा होंगी | सहारनपुर में चन्द्रशेखर रावण के करीबी असलम, मुरादाबाद में सलीम अख्तर, मुजफ्फरनगर में सालिम और रामपुर में परवेज पार्टी को मजबूत करेंगे |
लखनऊ में 19 दिसम्बर 2019 की आगजनी के बाद जिस रिहाई मंच पर मुकदमा दर्ज हुआ था उसी मंच के महासचिव राजीव यादव आजमगढ़ से चुनाव लड़ेंगे | इसी मामले में 19 दिन जेल काट चुके शाहनवाज आलम भी 2022 के चुनाव में उतरने वाले हैं | आलम कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं | इसके अलावा सुम्मैया राणा ने भी सपा ज्वाइन कर लिया है | राजीव यादव ने कहा कि हमनें 2017 के बाद बड़े पैमाने पर तमाम मुद्दों को लेकर आंदोलन किया है | इसमें 2 अप्रैल 2018 के भारत बन्द से लेकर सीएए-एनआरसी आंदोलन और अब किसान आंदोलन में भाग ले रहे हैं | ऐसे में अब हम आंदोलन के साथ साथ चुनाव भी लड़ेंगे क्योंकि आंदोलन से ही बदलाव होता है |