लखनऊ(संवाददाता) शिक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले एक शातिर गिरोह का जिले की पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए छह नटवरलालों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है | ये शातिर गिरोह विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री तैयार करके उन्हें अच्छे दामों में बेच देता था । पकड़े गए सभी आरोपियों ने बताया कि वे फर्जी डिग्री और स्टांप पेपर तैयार कर लोगों को बेचने का काम करते थे। एसपी ट्रांस गोमती अमित कुमार के अनुसार जानकीपुरम् सेक्टर एच निवासी सौरभ यादव ने मंगलवार को हसनगंज थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि खदरा दीनदयाल पुरम् सीतापुर रोड निवासी मधुरेन्द्र पान्डेय ने डेढ़ लाख रुपए लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय की बी.ए.की फर्जी डिग्री उनको दी है।हालाँकि सवाल ये भी उठता है कि उन्होंने आखिर इस गिरोह से फ़र्ज़ी डिग्री हासिल क्यों की थी |
इस मामले को लेकर इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि जालसाज लखनऊ विश्वविद्यालय, कानपुर विश्वविद्यालय,दिल्ली विश्वविद्यालय और अवध विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीट व फर्जी डिग्री बना कर लोगों को डेढ़ लाख में बेचते थे। इसके अलावा फर्जी स्टाम्प पेपर भी बनाने का काम करते थे। जालसाज यह गोरखधंधा करीब आठ वर्षों से कर रहे थे। लोगों को असली डिग्री बता कर नकली डिग्री देते थे। अभी तक तीन सौ से ज्यादा फर्जी डिग्री बना कर बेच चुके हैं।
हसनगंज पुलिस और स्वात टीम की पड़ताल में 6 जालसाज गिरफ्तार किए गए। आरोपियों में खिरोधन प्रसाद कल्यणपुर थाना गुडंबा, रविन्द्र प्रताप सिंह निवासी महमूदाबाद सीतापुर दीवान सिंह, निवासी अमेठी, दीपक तिवारी निवासी कृष्ण लोक कालोनी फजुल्लागंज मड़़ियांव, नायाब हुसैन निवासी मछली फाटक ठाकुरगंज और मधुरेन्द्र पान्डेय निवासी खदरा सीतापुरोड का नाम शामिल है।
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