HomeINDIAविपक्षी दलों ने शीर्ष अदालत में दायर की ईवीएम वीवीपैट समीक्षा याचिका

विपक्षी दलों ने शीर्ष अदालत में दायर की ईवीएम वीवीपैट समीक्षा याचिका

लखनऊ (सवांददाता) इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन वीवीपैट मिलान को लेकर शीर्ष अदालत में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में 21 विपक्षी दलों ने आज आखिरकार 50 प्रतिशत ईवीएम-वीवीपैट की समीक्षा याचिका दायर कर दी है। 14 अप्रैल को बैठक में विपक्षी दलों ने इस मामले को फिर से सुप्रीम कोर्ट में रक्खे जाने की बात कही थी।

पहले भी 21 विपक्षी दलों ने इस व्यवस्था के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच विपक्षी पार्टियों की 50% पर्चियों के मिलान की मांग पर सहमत नहीं हुई थी। बेंच ने कहा था कि इसके लिए बड़ी संख्या में लोगों की जरूरत पड़ेगी, बुनियादी ढांचे को देखते हुए ये मुमकिन नहीं लगता।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को ईवीएम और वीवीपैट के मिलान का दायरा बढ़ाने के लिए कहा था। कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया था कि लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली सभी विधानसभाओं के पांच बूथों पर ईवीएम और वीवीपैट का मिलान किया जाए। इससे पहले हर विधानसभा के एक पोलिंग बूथ पर ही पर्चियों का मिलान किया जाता था।

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वीवीपैट स्लिप गिनने का मौजूदा तरीका सबसे उपयुक्त है। अभी विधानसभा चुनाव में एक पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान होता है। वहीं, आम चुनाव में लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों की एक-एक पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान होता है।

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