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विजय माल्या के बयान के बाद कांग्रेस और भाजपा में ज़बानी जंग जारी

लखनऊ (सवांददाता) विजय माल्या की देश छोड़ने से पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाक़ात का मामला केंद्र सरकार के लिए नासूर बनता जा रहा है| हालाँकि अरुण जेटली ने अपनी सफाई में कल कहा था कि उन्होंने माल्या को मिलने का समय नहीं दिया था| बावजूद इसके आगामी लोकसभा चुनाव को मद्देनज़र रखते हुए कांग्रेस इस प्रकरण को कैश करने से पीछे हटने का मौका गवाना नहीं चाह रही है| इस मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप की जंग शुरू हो गई है। माल्या द्वारा दिए गए बयान के बाद कांग्रेस ने जहां वित्तमंत्री जेटली के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है, वहीं, भाजपा का इस मामले पर कहना है कि विजय माल्या पर मेहरबानियों का सिलसिला कांग्रेस ने शुरू किया था |

बताते चलें कि आज दोपहर में एक बार फिर कांग्रेस कोर कमेटी के सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेसवार्ता कर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि सरकार ने जानबूझकर माल्या को भागने दिया। सुरजेवाला ने कहा कि ऐसा लगता है कि अब सरकार के पास नया नारा है- ‘भगोड़ों का साथ और लुटेरों का विकास।’

उन्होंने एक बड़ा सवाल करते हुए कहा कि सरकार बताए कि 9 हजार करोड़ के बैंक फ्रॉड के बावजूद 29 जुलाई 2015 को सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के उपरांत विजय माल्या को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया |

उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर, 2015 को विजय माल्या की गिरफ्तारी का नोटिस आखिर किसके आदेश से बदलकर सूचना नोटिस में तब्दील कर दिया गया |
इसके अलावा उन्होंने कहा कि 17 बैंकों ने ऋण वसूली ट्रिब्यूनल में मुकदमा किया और 28 फरवरी, 2016 को उन्हें राय दी गई कि 29 फरवरी तक मुकदमा दर्ज कर विजय माल्या का पासपोर्ट रद करवाया जाए। उन्होंने कहा कि सवाल ये है कि किसके आदेश पर इन बैंकों ने 5 मार्च 2016 तक मुकदमा दर्ज नहीं करवाया|
जब्कि ये पता था कि जुलाई 2015 से ही विजय माल्या पर मुकदमा दर्ज है, उससे संसद भवन में क्यों गिड़गिड़ा रहे थे|

विजय माल्या ने अपने दिए गए बयान में साफतौर से कहा है कि जब वो वित्तमंत्री से मिले तो उन्होंने कहा था कि मैं लंदन जा रहा हूं। तो आखिर वित्तमंत्री ने उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं करवाया | यही नहीं उनका आरोप है कि केंद्र सरकार ने विजय माल्या को डियोजियो कंपनी से अरबों डॉलर का भुगतान कैसे लेने दिया|

हालाँकि भाजपा की ओर से इस मामले में सफाई देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि साल 2010 में माल्या को स्पेशल बेलआउट पैकेज क्यों दिया गया था। गोयल ने कहा कि आज जब उनकी मिलीभगत और देश का पैसा लुटाने का सच सबके सामने आ रहा है तो वे झूठे आरोप लगा रहे हैं।

इस मामले पर सुरजेवाला ने सही बात कहते हुए कहा कि इस देश में लोन देना या उसकी रकम बढ़ाना कोई अपराध नहीं बल्कि लोन न भरने की नीयत से देश छोड़कर भाग जाना और भागने में मदद करना अपराध है।

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