HomeArticleरिहाई के बाद महबूबा मुफ्ती के बगावती तेवर

रिहाई के बाद महबूबा मुफ्ती के बगावती तेवर

अली हसनैन आब्दी फ़ैज़

जम्मू कश्मीर की बीजेपी सरकार में कभी गठबंधन का हिस्सा रही महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि दिल्ली दरबार ने गैर कानूनी, गैर लोकतांत्रिक तरीके से हमसे जो छीन लिया, उसे वापस लेना होगा!

जिसके लिए हजारों लोगों ने अपनी जानें न्योछावर की। मैं मानती हूं कि यह रास्ता आसान नहीं है, मुझे यकीन है कि हौसले से यह दुश्वार रास्ता भी तय होगा।

महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार की रात रिहाई के बाद एक ऑडियो संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने कश्मीर के लिए संघर्ष का जारी रखने की घोषणा की । महबूबा मुफ्ती ने ऑडियो संदेश में कहा है कि उस काले दिन का काला फैसला उनके दिमाग में हर रोज खटकता रहा है और इसके लिए वह संघर्ष करेंगी।

अपने ट्विटर अकाउंट पर लगहग 1 मिनट 23 सेकेंड के ऑडियो संदेश में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं आज एक साल से भी ज्यादा अर्से के बाद रिहा हुई हूं। इस दौरान 5 अगस्त 2019 के उस काले दिन का काला फैसला हर पल मेरे दिल और रूह पर वार करता रहा। मुझे एहसास है कि यही कैफियत जम्मू-कश्मीर के लोगों की रही होगी। हम में से कोई भी शख्स उस दिन की बेइज्जती को भूल नहीं सकता।

महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि दिल्ली दरबार ने गैर कानूनी, गैर लोकतांत्रिक तरीके से हमसे जो छीन लिया, उसे वापस लेना होगा जिसके लिए हजारों लोगों ने अपनी जानें न्योछावर की। मैं मानती हूं कि यह रास्ता आसान नहीं है, मुझे यकीन है कि हौसले से यह दुश्वार रास्ता भी तय होगा।

पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और धारा 35 ए को खत्म करने से पहले भारत सरकार ने जन सुरक्षा कानून के अंतर्गत महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया गया था।

कश्मीरी नेताओं ने महबूबा मुफ्ती की रिहाई का स्वागत किया है। जम्मू कश्मीर के कई राजनीतिक दलों के वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं ने महबूबा मुफ्ती से उनके आवास पर मुलाकात की और कहा साथ मिलकर दबाव बनाएंगे!

महबूबा मुफ़्ती (जन्म:22 मई 1959, बिजबिहारा) एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा जम्मू और कश्मीर की तेरहवीं और एक महिला के रूप में राज्य की प्रथम मुख्यमंत्री रही हैं। महबूबा मुफ्ती से पूर्व वर्ष 1980 में सैयदा अनवरा तैमूर किसी भरतीय राज्य (असम) की पहली मुस्लिम मुख्यमंत्री बनी थीं। इस प्रकार वे देश के किसी राज्य की दूसरी मुस्लिम मुख्यमंत्री हैं धारा 370 हटने तक। वे अनंतनाग से लोकसभा सांसद है। साथ ही जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की राजनेत्री और अध्यक्षा तथा जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पुत्री है। पिता की बीमारी के बाद एम्स, दिल्ली में मृत्यु हो जाने के बाद वो जम्मू और कश्मीर की मुख्यमंत्री बनी थी भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से, मुफ़्ती जम्मू और कश्मीर की पहली महिला राजनेत्री रही है।वह मुफ़्ती मोहम्मद सईद की बेटी हैं, जिनका जन्म 1959 में अखरान नोपोरा में हुआ था। उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की।
उनकी बहन रूबैया सईद का अपहरण कर लिया गया था जब उनके पिता को 1989 में भारत का गृह मंत्री नियुक्त किया गया था और कुछ दिनों के बाद कुछ आतंकवादियों के बदले छोड़ दिया गया था। भारत में विपक्ष और कई कट्टर राष्ट्रवादियों द्वारा आतंकवादियों की रिहाई की निंदा की गई थी।जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले हिरासत में ले लिया गया था. एक साल से अधिक समय हिरासत में गुजारने के बाद अब महबूबा मुफ्ती रिहा हो गई हैं.

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