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मुहर्रम में जुलुस निकाले जाने पर स्थित साफ नहीं,धर्मगुरुओं की कमिश्नर के साथ बैठक बेनतीजा

लखनऊ,संवाददाता | कर्बला में अत्याचारियों के चेहरे से इस्लाम की तथाकथित नक़ाब हटाने के लिए न सिर्फ हज़रत इमाम हुसैन अस ने अपनी शहादत पेश की बल्कि अपने घरभर के साथ अपने साथियों की भी अज़ीम शहादत पेश कर अस्ल इस्लाम के आईने पर नामनिहाद मुसलमानों की छाई धूल को साफ़ कर दिया | उनकी इस शहादत की याद मानाने के लिए दुनिया भर के पाक लहू इंसान मुहर्रम का इंतज़ार करते हैं | घरों में हज़रत इमाम हुसैन अस का ताज़िया रखते हैं ,रोते हैं ,कर्बला वालों की शहादत पर मातम करते हैं और जुलुस निकाल कर कर्बला वालों को श्रन्धांजलि पेश करते हैं |
इस वर्ष कोरोना वायरस के कारण मंदिरों में पूजा रुकी,मस्जिदों में नमाज़ बंद हुई ,गिरजाघरों में प्रार्थना बंद हुई और लोगों को एक दूसरे से दूर रहना पड़ा लेकिन कुछ समारोह सोशल डिस्टेंसिंग और सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार आयोजित भी किये गए | इसी आशा में मुहर्रम का शिया संप्रदाय को इंतज़ार है कि आखिर सरकार मुहर्रम को मनाने के लिए क्या आदेश देने वाली है |
आज मुहर्रम के जुलुस के बावत कई शिया धर्मगुरु लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत कुमार पांडेय से मिलने गए जहाँ सुजीत कुमार पांडेय ने बैठक का आयोजन किया | बैठक में धर्गुरूओं ने मुहर्रम को संपन्न करवाए जाने के लिए अपनी ओर से कई राय दीं | इस दौरान धर्गुरूओं ने बैठक में कहा कि वो सरकार द्वारा जारी गाईडलाइन के अनुसार मजलिस व जुलुस निकालेंगे | हालाँकि पुलिस कमिश्नर ने कहा कि बैठक में जो बातचीत हुई है उन बिंदुओं को वो प्रदेश सरकार के समक्ष रखेंगे | कमिश्नर की इस बात से प्रतीत होता है कि मुहर्रम पर स्थित अभी साफ़ नहीं हो सकी है |
बैठक में धर्मगुरु हमीदुल हसन ,अली नासिर सईद अबकाती (आग़ा रूही),कल्बे जव्वाद नक़वी ,मुत्तक़ी ज़ैदी, यासूब अब्बास , रज़ा हुसैन और हबीब हैदर सहित कई लोग उपस्थित थे | बताते चलें किअपर मुख्य सचिव अविनीश अवस्थी ने कल जो आदेश जारी किया है उसमे लिखा है कि माह अगस्त 2020 में पड़ने वाले त्यौहार तथा जन्माष्टमी ,गणेश चतुर्थी एव मुहर्रम जो कि विभिन्न तिथियों में आयोजित होंगे को गृह मंत्रालय ,भारत सरकार की कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए सादगी से मनाया जाए | इन त्योहारों पर कोई जुलूस ,झांकी न निकाली जाए एवकिसी भी दशा में भीड़ एकत्रित न होने पाए | इस आदेश के बाद मजलिस तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए आशा है की जा सके लेकिन जुलुस का निकाले जाना मुमकिन नहीं है | अब इस आदेश के बाद भी यदि कोई ऐसी दशा में जुलुस निकलवाने का ऐलान करेगा तो उसपर प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा |  

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