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मुहर्रम के लिए मौलाना कल्बे जव्वाद की कोशिश जारी ,शमील शम्सी का बयान था भ्रमित करने वाला

लखनऊ,संवाददाता | उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बीच पढ़ने वाले मोहर्रम को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यह बात साफ कर दी है की संपूर्ण उत्तर प्रदेश में हजरत इमाम हुसैन अस और उनके अंसार की शहादत की याद में इस बार मोहर्रम के जुलूस नहीं निकाले जा सकेंगे | मोहर्रम ही नहीं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ ने गणेश चतुर्थी पर भी वही गाइडलाइन जारी की है जो मुहर्रम मनाने वालों के लिए जारी की गई है | बताते चलें गणेश चतुर्थी 22 अगस्त और मोहर्रम के जुलूस 21 या  22 अगस्त से निकलने वाले थे , लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने एक कठोर फैसला लेते हुए सोमवार को मोहर्रम व गणेश महोत्सव को लेकर गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि इस बार गणेश महोत्सव में ना तो पंडाल लगाए जाएंगे और ना ही मोहर्रम पर जुलूस यात्रा निकालने की अनुमति दी जाएगी | उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासन को कृष्ण जन्माष्टमी की तरह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रखने के भी निर्देश दे दिए हैं | यही नहीं अब इस तरह की अफवाह फैलाने वालों पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी |
हालाँकि शिया धर्मगुरु हमीदुल हसन ,अली नासिर सईद अबकाती आग़ारूही ,मुत्तक़ी ज़ैदी और यासूब अब्बास ने जुलुस के संबंध में अधिकारीयों से बात भी की थी लेकिन बैठक बेनतीजा समाप्त हो गई थी | हालाँकि धर्मगुरु अली नासिर सईद आग़ा रूही ने बताया कि उन्होंने जुलुस के मुहायदे पर पहले भी दस्तखत नहीं किये थे और न ही अब जुलुस की बात की है | उन्होंने कहा कि जो मुहर्रम के जुलुस का मुहायदा किया गया था उसमे मुहर्रम के जुलुस के एवज़ में जुलूसे मदहे सहाबा भी शामिल किया गया था, जिसपर मैं राज़ी नहीं था | उन्होंने बताया कि मैं मजलिसों को संपन्न किये जाने के लिए बातचीत करने गया था | साथ ही घरों के ताज़िये पर भी बात की थी | सूत्रों के अनुसार कल्बे जव्वाद अभी भी जुलुस निकलवाने और ताज़िये पर लगे प्रतिबन्ध के विरुद्ध प्रायरत हैं और उन्होंने अज़ादारी के सिलसिले में राजनाथ सिंह से भी भेंट कर कोई रास्ता निकाले जाने की अपील की है | शिया क़ौम को उम्मीद है कि मौलाना जव्वाद नक़वी की कोशिश से कोई हल ज़रूर निकलेगा |
आपको याद होगा गत दिनों शिया धर्मगुरु सैयद कल्बे जव्वाद नक़वी के एक रिश्तेदार शमील शम्सी ने 8 मोहर्रम के दरिया वाली मस्जिद से उठने वाले आलम -ए- फ़तेह फुरात के जुलूस को निकाले जाने का सोशल मीडिया पर ऐलान किया था | यही नहीं उनके इंटरव्यू को कुछ यूट्यूब चैनल ने भी जनता के सामने परोसा था | जिसमें उन्होंने यह बात स्पष्ट रूप से कही थी कि यह मेरे घर का जुलूस है ,जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए और कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान करते हुए लगभग 2000 लोगों को इस जुलूस में शिरकत किए जाने की इजाजत दी जाएगी | उनके इस बयान के बाद शिया संप्रदाय के बहुत से लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा था के मोहर्रम के तमाम जुलूस शिया संप्रदाय के हैं ,यदि शमील को मोहर्रम के सभी जुलूसों का ख्याल है तो वह सिर्फ अलमे फातेह फुरात निकाले जाने का बयान वापस लेकर सभी जुलूसों को संपन्न कराए जाने की बात करें | हालांकि उनके इस बयान पर सूत्रों का कहना था कि मोहर्रम शुरू होने से पूर्व प्रशासन द्वारा कोई बातचीत के लिए उनको न्योता ना मिलने के कारण उन्होंने यह बयान देकर प्रशासन का रुझान अपनी तरफ खींचा था | जाहिर है उनके इस बयान के बाद जहां कई शिया धर्मगुरु संयुक्त रुप से प्रशासन के पास अपने जुलूस की बात करने के लिए गए तो वही शमील शमसी भी प्रशासनिक अधिकारियों से मिले | यही उनका उद्देश्य भी था | धर्मगुरु कल्बे जव्वाद के रिश्तेदार होने के कारण वो अक्सर जनाब के साथ अधिकारीयों में अपनी पहुंच बनाने के लिए शाना ब शाना रहते हैं | 8 मुहर्रम को दरिया वाली मस्जिद से अलम निकाले जाने के ऐलान के मामले में सवाल ये है कि जो ऐलान शमील ने किया था क्या उसे उन्होंने वापिस ले लिया ? अगर उन्होंने ये फ़र्ज़ी ऐलान वापिस नहीं लिया तो भोली भाली शिया क़ौम 8 मोहर्रम को अलम उठाने के लिए दरिया वाली मस्जिद जा सकती है और ऐसे में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है |

योगी आदित्यनाथ ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया की किसी भी हाल में मोहर्रम का कोई जुलूस या सार्वजनिक स्थलों पर मजलिस नहीं की जा सकती ,यही नहीं ताजिए पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है | इसके अलावा यदि किसी धार्मिक स्थल में मजलिस का आयोजन करना भी हो तो सिर्फ 5 लोगों के मध्य ही मजलिस का आयोजन किया जा सकेगा | साथ ही कोविड-19 के बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का पालन भी करना होगा | मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तरह आगामी गणेश चतुर्थी के अवसर पर कहीं भी पूजा पंडाल में कोई भी मूर्ति स्थापित ना की जाए और ना ही कहीं शोभा यात्रा की अनुमति दी जाए | ठीक इसी तरह मोहर्रम के अवसर पर किसी प्रकार के जुलूस व ताजिए की अनुमति नहीं दी जाए | प्रशासन और पुलिस अफसर पीस कमेटी की बैठक करें साथ ही सही ढंग से व्यवस्था रहे | इसके लिए धर्मगुरुओं से पूरा सहयोग लें | अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि इसके अलावा संवेदनशील और कंटेनमेंट जोन के अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर के सघन चेकिंग कराई जाए ,यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी धार्मिक स्थल पर भीड़ न होने पाए | इसके अलावा सोशल मीडिया की भी कड़ी निगरानी के आदेश जारी किए गए हैं | यही नहीं माहौल बिगड़ने की साजिश करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी | गृह विभाग के निर्देशों के बाद सभी जिलों के डीएम ने आदेश जारी कर दिया है | इस आदेश में कहा गया है कि आने वाले त्यौहार पर सभी अपने-अपने घरों में पूजा उपासना करें सार्वजनिक स्थलों पर कोई आयोजन नहीं होगा | धार्मिक स्थलों पर कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए जरूरी है कि एक समय में 5 से अधिक व्यक्ति इकठ्ठा न हों , और फेस कवर फिजिकल डिस्टेंसिंग के मानकों का कड़ाई से पालन किया जाए |

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