HomeINDIAभारत-चीन प्रकरण में सेना को मिलना चाहिए युद्ध के पूरे अधिकार

भारत-चीन प्रकरण में सेना को मिलना चाहिए युद्ध के पूरे अधिकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे 19 जून को एक सर्वदलीय बैठक

लखनऊ ,संवाददाता | भारत-चीन सीमा विवाद में हिंसक झड़प के बाद सेना के हुए शहीद जवानों के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 जून को एक सर्वदलीय बैठक बुलाने जा रहे हैं |इस बैठक में सभी दलों के प्रमुखों को शामिल किया जाएगा | 15 जून को गलवान घाटी में हमारे भारत के 20 जवानों की शहादत के बाद से देश के लोग आक्रोशित हैं और चीन से बदला लेने के लिए कह रहे हैं |इस घटना के बाद विपक्षी दल भी सरकार की नियत पर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि यह समझ के बाहर है कि पीएम मोदी इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं। हालाँकि भारत चीन से युद्ध करने का मन नहीं बनाए था ,इसीलिए बात चीत का सिलसिला कई बार जारी रहा लेकिन अचानक चीन ने धोखे से ये हमला करके हमारे जवानों को कार्यतापूर्वक शहीद कर दिया है | हालाँकि अब माना जा रहा है कि सरकार चीन को करारा जवाब देने का मन बना चुकी है | लेकिन इस मामले में सरकार कोई भी कदम उठाने से पहले सभी दलों को विश्वास में लेना चाहती है। साथ ही सीमा पर सेना को अलर्ट कर दिया गया है।

45 वर्षों बाद हुआ है भारत-चीन के मध्य खूनी संघर्ष

1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था। इसके बाद साल 1975 में एलएसी पर फायरिंग हुई थी, जिसमें चार भारतीय जवान शहीद हुए थे। इसके बाद से एलएसी पर कोई हिंसक झड़प नहीं हुई थी। अब लगभग 45 साल बाद एलएसी पर फिर भारत-चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई है।

सेना को मिलें युद्ध के अधिकार

जिस तरह पकिस्तान को उसके हर नापाक हरकत का जवाब देने के लिए सेना को सरकार द्वारा छूट दी गई है ठीक वैसे ही चीन के विरुद्ध अब उसकी हर हरकत का जवाब देने के लिए हमारी सेना को स्वतंत्र कर दिया जाए | जिससे सेना खुद कोई निर्णय ले सके और ईंटका जवाब पत्थर से दे सके |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read