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पढ़िए ,तब्लीगी जमाअत के विरुद्ध हुई इस बड़ी करवाई के पीछे का सत्य

ज़की भारतीय

2200 विदेशियों को 10 वर्ष के लिए भारत आने के लिए किया गया ब्लैकलिस्ट

लखनऊ,संवाददाता |मुस्लिम धर्म के प्रति मुसलमानों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी तब्लीगी जमाअत के हज़ारों लोगों ने कई देशों से आकर भारत में आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों में शिरकत की थी ,लेकिन कोरोना वायरस ने इस बार विदेशों से आए 2200 विदेशियों को 10 वर्ष के लिए भारत आने के लिए ब्लैकलिस्ट करवा दिया | भारतीय मीडिया ने तब्लीगी जमाअत को कोरोना बम से लेकर भारत में फैले कोरोना वायरस के ज़िम्मेदार होने की भी डिग्री दे डाली ,जिसका संज्ञान भारत सरकार ने लिया और आज तब्लीगी जमाअत के विरुद्ध इतनी बड़ी करवाई किये जाने का ऐलान भी कर दिया गया | जिन देशों पर केंद्र सरकार ने 10 वर्ष का प्रतिबन्ध लगाया गया है ,उनमें थाईलैंड, म्यांमार, माली, तंजानिया, नाइजीरिया,केन्या,जिबूती, दक्षिण अफ्रीका,बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया,यूके श्रीलंका और नेपाल के नागरिक शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार ये लोग टूरिस्ट वीज़े पर भारत आकर धार्मिक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। अब ये नागरिक अगले 10 साल तक भारत नहीं आ सकेंगे ,क्योंकि इन तब्लीगी जमाअत के लोगों ने टूरिस्ट वीज़े के नियमों का उलंघन किया है | हालाँकि इन पर एक ये भी आरोप है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के शुरुआती दौर में इन्होंने गैरकानूनी तरीके से भीड़ इकट्ठा की, जिससे यह वायरस तेजी से फैला और फिर इसकी चपेट में देश के कई राज्यों के लोग आए। शुरुआती दौर में इनके कारण करीब एक तिहाई लोगों और 17 राज्‍यों में संक्रमण फैला और काफी लोगों की मौत हुई। हालाँकि तब्लीगी जमाअत के कार्यक्रमों के आयोजकों पर भीड़ इकठा करने का आरोप लगे तो समझ में आता है लेकिन भीड़ इकठा करने का आरोप विदेशी नागरिकों पर थोपना समझ से परे है | हालाँकि इस कड़ी में दिल्‍ली पुलिस ने पिछले बृहस्पतिवार को साकेत कोर्ट में 12 नई चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 541 विदेशी नागरिकों को आरोपित बनाया गया। पुलिस अब तक कुल 47 चार्जशीट फाइल कर चुकी है, जिसमें 900 से अधिक जमातियों को आरोपित बनाया गया है। जिस समय कोरोना वायरस का संक्रमण देश में दस्तक दे चूका था और साथ ही लॉकडाउन की शुरुआत दिल्‍ली में धारा 144 से हो चुकी थी ,उसके उपरान्त भी हजारों जमाती हज़रत निजामुद्दीन स्थित तब्‍लीगी मरकज में कई दिनों तक इकट्ठा रहे। कुछ मौलाना साद के वीडिओ भी वायरल हुए जिसमें हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज के मुखिया मौलाना साद ये कहते हुए नज़र आए थे कि कोरोना वारयस से डरने की जरूरत नहीं है। मौलाना साद के ये कहने से प्रतीत होता है कि तब्लीगी जमाअत के प्रोग्राम में विदेशों से शिरकत करने आए हुए लोग कोरोना वायरस से डर रहे थे | सिर्फ यही वीडिओ वायरल नहीं हुए थे कुछ वीडिओ तब्लीगी जमाअत की तरफ से भी वायरल हुए थे जिसमे क्षेत्रीय पुलिस पर आरोप लगाया गया था कि उन्हें विदेशी नागरिको के बारे में सूचित किया गया था लेकिन क्षेत्रीय इंस्पेक्टर ने कोई रूचि नहीं दिखाई |
प्रश्न ये है ,जिन विदेशियों पर 10 वर्षों के लिए भारत आने पर रोक लगाई गई है, क्या भारत में उन्होंने कोई समारोह आयोजित किया था ? या आयोजन करने वाले मौलाना साद जैसे और भी कई थे | बहरहाल इस तरह के तर्क वितर्क सोशल मीडिया पर छाए रहे थे और इस प्रकरण का टीवी चैंनलों ने खबर के रूप में लाभ उठाकर टीआरपी भी खूब कमाई | यहाँ पर मेरा उद्देश्य क़तई तब्लीगी जमाअत या मरकज़ आदि की हिमायत करना नहीं है लेकिन भारत में कोरोना वायरस उस दशा में बिलकुल नहीं फैलता ,जब चीन और अमेरिका जैसे देशों से हमारे कोरोना संक्रमित भारतीय नागरिक न बुलाए जाते और इस तरह के संघठन भी भारत में नहीं आते | बात सिर्फ तब्लीगी मरकज़ की नहीं है बल्कि हर उस कोरोना संक्रमित व्यक्ति की है जिसने भारत की धरती पर क़दम रक्खा और किसी के भी संपर्क में आ कर उसे कोरोना वायरस की सौगात दे दी |

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