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प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल का आज से वितरण शुरू,कोटेदारों ने भी शुरू की कालाबाज़ारी

लखनऊ, संवाददाता । कोरोना वायरस के प्रोकोप से बचने के लिए प्रधानमंती नरेंद्र मोदी ने जब लॉक डाउन का ऐलान किया था तब देश की जनता को पहले ही अंदाजा था कि दूसरे चरण का लॉक डाउन अवश्य बढ़ा दिया जाएगा और वही हुआ भी। अचानक नोटबन्दी की तरह लॉक डाउन के ऐलान के आदेश से जो जहां था वहीं पर थम गया और उनकी परेशानियों में बढ़ोत्तरी होती गई।जो आज भी अपने स्थान पर है। न तो उन लोगों के राशनकार्ड हैं और न ही सरकार की उनके लिए कोई स्कीम है। महाराष्ट्र के मुम्बई में कल इसका एक दृश्य भी देखने को मिला। सरकार को चाहिए कि ऐसे लोगों के लिए भी कोई स्कीम शुरू करें ,जिससे ऐसे लोगों की भी भूख मिट सके। केंद्र सरकार वैसे तो इस संकट की घड़ी में हर बिंदु पर चिंतन कर रही है और उसके निदान के लिए भी प्रयत्नशील है ,लेकिन सरकार के सम्मुख उन परेशानियों को सामने रखना भी ज़रूरी है जो अभी तक सरकार की दृष्टि से दूर हैं। अभी लॉक डाउन का हटाया जाना संभव नज़र नहीं आ रहा है शायद इसीलिए भारत सरकार की ओर से एक सप्ताह पूर्व राशन कार्ड धारकों के मोबाइल फोनों पर एक संदेश भेजा गया था जिसमे लिखा था “हमें आपकी चिंता है ! प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के अन्तर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आने वाले सभी लोगों को अगले तीन महीने तक भारत सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम चावल/गेहूँ मुफ्त में दिया जायेगा | यह सहायता NFSA के तहत दिए जाने वाले चावल/गेहूँ के अतिरिक्त होगी |”
ये मजबूर लोगों के लिए आई नई स्कीम अत्यंत सराहनीय है,क्योंकि इसमें प्रत्येक व्यक्ति को मिलने वाले 5 किग्रा चावल पूरी तरह से निःशुल्क हैं। सरकार की इस स्कीम से पात्र व्यक्तियों की पूर्ण रूप से मदद नहीं हो सकी । कारण है कालाबाज़ारी ।आज इस स्कीम के पहले दिन ही कोटेदारों ने उपभोगताओं को जम कर मूर्ख बनाया और उनके हिस्से के चावलों पर सेल लगाई ।इसका मुख्य कारण उपभोगताओं की जानकारी का अभाव था , क्योंकि भारत सरकार द्वारा भेजे गए संदेश शत प्रतिशत उपभोगताओं तक नहीं पहुंचे मंसूरनगर ढाल पर स्थित एक बिल्डिंग की रहने वाली फरज़ाना ज़ैदी के अनुसार उनके मोबाइल पर भारत सरकार द्वारा संदेश भेजा गया था ,जबकि मंसूर नगर के रहने वाले सुरैय्या बेगम ,जहाँआरा बेगम ,फरीदा बानों सहित कई अन्य महिलाओं के मोबाइल पर ऐसा कोई संदेश नहीं आया ।इसी तरह मैदान एल ,एच खां निवासी शहाना परवीन जैसी कई महिलाऐं इस जानकारी से वंचित रह गईं जिसका कोटेदारों ने भरपूर लाभ उठाते हुए उनके अधिकारों का हनन किया है ।सुबह आठ बजे से ही कोटेदारों की दुकानों के बाहर लम्बी कतारें लग गईं और शाम छह बजे तक ये सिलसिला जारी रहा ।इस बीच जिनका छह यूनिट का कार्ड था उन्हें बीस किलो या पच्चीस किलो में टरका दिया गया ,या जिनके पास जानकारी का अभाव था उनका यूनिट कितना भी हो उन्हें मात्र पांच किलो ही चावल दिया गया ।
हालांकि आज मिली इन शिकायतों का संज्ञान लेने के लिए अपने-अपने क्षेत्र के एआरओ और डीएसओ भी जांच करने के लिए निकले और कई कोटेदारों को सख्त हिदायत दी । इसके अलावा हॉट स्पॉट इलाक़ों में दिनभर राशन वितरण करवाया गया। एडीएम सप्लाई का कहना है,अगर किसी कोटेदार द्वारा कालाबाज़ारी किये जाने की पुष्टि हुई तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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