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पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर संकट के बादल धर्म स्थलों में तोड़फोड़ और टारगेट किलिंग जारी

अली हसनैन आब्दी फ़ैज़

पाकिस्‍तान के कराची शहर में कट्टरपंथियों की भीड़ ने ह‍िंदू मंदिर में जमकर तोड़फोड़ की। इस घटना के दौरान ह‍िंदू मूर्तियों को तोड़ द‍िया गया। कट्टरपंथियों ने एक ह‍िंदू बच्‍चे पर ईशन‍िंदा का आरोप लगाया था।
ल्‍यारी इलाके में हुई इस घटना में कट्टरपंथियों की भीड़ ने पहले हिंदुओं पर ईशनिंदा का आरोप लगाया और फिर बाद में कुछ लोगों ने प्राचीन मंदिर में तोड़फोड़ की। इस दौरान मंदिर में रखी भगवान गणेश और श‍िवजी की मूर्तियों को भी कट्टरपंथियों ने तोड़ दिया।

कट्टरपंथियों ने बिना किसी ठोस सबूत के हिंदू बच्‍चे पर ईशनिंदा का आरोप लगाया था। स्‍थानीय हिंदू समुदाय ने आरोप लगाया है कि उन्‍हें प्रताड़ित किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह मंदिर कराची के भीमपुरा इलाके के ली मार्केट में स्थित था। यही नहीं मंदिर के अंदर लगी भगवान की तस्‍वीरों को भी फाड़ दिया गया। पिछले 20 दिनों में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की तीसरी घटना है। पाकिस्तान के कट्टरपंथी मुसलमानों की दुर्भावना का शिकार होने वाले अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों के अलावा शिया समुदाय के अहमदिया समुदाय के और शशि समुदाय के लोग होते हैं जिनके धार्मिक स्थलों पर तोड़फोड़ होती है अथवा कभी-कभी तो आत्मघाती हमले भी किए जाते हैं इसके अलावा वहां पर टारगेट किलिंग की जाती है जिसमें कट्टरपंथी लोग अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को चुनकर निशाना बनाते हैं अधिकतर मामलों में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो पाती।

विगत सितंबर में एक सीनेट समिति ने यह कहकर धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के एक बिल को खारिज कर दिया कि इसकी बजाय मुसलमानों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए बिल पेश किया जाना चाहिए | धार्मिक मामलों की स्थायी समिति और सीनेटर हाफिज अब्दुल करीम ने कहा, “पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को पहले ही कई अधिकार दिए जा चुके हैं, उपद्रव तब होते हैं, जब कुछ हिंदू लड़कियां इस्लाम अपनाकर मुस्लिम लड़कों से शादी करती हैं | प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है |

यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, पाकिस्तान भर में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति नकारात्मक है. यहां जबरन धर्म परिवर्तन हो रहे हैं. ऐसे मामलों के हाई-प्रोफाइल आरोपी बरी हुए हैं |  यूएससीआईआरएफ को लगभग 80 व्यक्तियों के बारे में पता है, जिनमें से आधे लोगों को ईश निंदा के लिए आजीवन कारावास या मौत की सजा हुई है |

लेकिन, क्या वाकई इससे कोई फर्क पड़ा है? नहीं. पाकिस्तानी सरकार को अब देश की छवि को वैश्विक स्तर पर खराब होते देखने की आदत हो गई है. जाहिर है, ऐसी स्थिति सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी आबादी के लिए एक आपदा की तरह है |

धार्मिक अतिवादियों ने दुर्गा माता की मूर्ति को खंडित क‍िया
बता दें कि पाकिस्तान में हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हो रहे हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। कराची की घटना से पहले सिंध प्रांत के थारपारकर जिले में स्थित नागारपारकर में धार्मिक अतिवादियों ने दुर्गा माता की मूर्ति को खंडित कर दिया था। इन हमलावरों ने मंदिर को भी जमकर नुकसान पहुंचाया था। मंदिर के पुजारी ने बताया कि आधी रात को कुछ अज्ञात लोग मंदिर परिसर में घुसे। इसके बाद उन्होंने दरवाजे को बंद कर मूर्ति को तोड़ दिया। उन्होंने जाते-जाते मंदिर को भी नुकसान पहुंचाया। अभी तक हमलावरों के खिलाफ पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की है।

ज्ञात रहेकि पाकिस्तान में होने वाले यह हमले अल्पसंख्यक समुदाय पर धार्मिक और सामाजिक नियमों के विरुद्ध कुरान में स्पष्ट शब्दों में दूसरे के धर्म स्थलों को नुकसान पहुंचाने को मना किया गया है तथा उनकी और तो बच्चों और जो युद्ध ना कर रहे हो उन व्यक्तियों को नुकसान पहुंचाने को मना किया गया है इस्लाम धर्म के अनुसार उपरोक्त घटनाएं धर्म विरुद्ध और नियम विरुद्ध है।

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