HomeDELHIदिल्ली की सड़कों पर खून ,घरों में आग ,पढ़िए दिल्ली में व्याप्त...

दिल्ली की सड़कों पर खून ,घरों में आग ,पढ़िए दिल्ली में व्याप्त तनाव के पीछे कौन ?

लखनऊ ,संवाददाता । नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) केविरोध में दिल्ली के शाहीन बाग़ में जारी प्रदर्शन से आने जाने वाले लोगों को कठनाई का सामना करना पड़ रहा था ,जिस रास्ते को खुलवाए जाने की मांग निरंतर की जाती रही ,जो उचित भी थी ,क्योंकि भारतीय नागरिक को अपनी बात रखने और अपनी कहने का पूरा अधिकार है लेकिन किसी को परेशानी में डालकर नहीं | इसी बात का संज्ञान लेते हुए सर्वोच्च न्यायलय ने भी रास्ता खोलने की बात कही थी और इस प्रकरण को हल करने के लिए 3 अधिवक्ताओं को नियुक्त भी किया गया था | और नतीजा भी अच्छा आया था | अब प्रश्न ये उठता है कि प्रदर्शनकरियों के प्रदर्शन को समाप्त करवाने लिए धरना देने वाले लोग किसके आदेश या किसके इशारे पर बैठे थे पर? गोली चलाने वाले युवकों को प्रदर्शनकारियों से क्या शत्रुता थी ? भारत के इतिहास में पहली बार ये हो रहा है कि ,किसी प्रदर्शन के विरुद्ध मुट्ठी भर लोग प्रदर्शन करते हुए नज़र आ रहे हैं ,सवाल फिर यही उठता है कि आखिर ऐसा क्यों ? अपने अधिकार के लिए आवाज़ उठाने वालों को आंतकवादी कहा जा रहा है ,दंगाई कहा जा रहा है | अज्ञानी कहा जा रहा है | लेकिन आजतक सरकार ने उनसे वार्ता करने कि कोई पहल नहीं कि ,आखिर क्यों ? आज उत्‍तर पूर्वी दिल्‍ली में अचानक हिंसा शुरू हुई | ख़ास बात ये कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसपर बड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि यह हिंसा अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरे को ध्‍यान में रखकर की गई। इसके जरिए सुनियोजित तरीके से ट्रंप के सामने भारत की खराब छवि पेश करने की साजिश रची गई।
अगर ये बयान सही माना जाए तो उसके विरुद्ध सरकार को सख्त क़दम उठाना चाहिए जिसने इस हिंसा को जन्म दिया | अब ये भी बताना ज़रूरी है कि इस हिंसा को जन्म देने वाला कौन था ?

 

 

भाजपा नेता ने पुलिस को दिया था चेलैंज
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने जब CAA के पक्ष में धरना शुरू किया था तो उन्होंने पुलिस से कहा था कि ट्रम्प के जाने तक जाफराबाद और चाँद बाग़ ख़ाली करवा लीजिये ,वरना हम आपकी भी नहीं सुनेंगे और ट्रम्प के जाने से पहले ही उन्होंने पुलिस कि नहीं सुनी |

यही तो ज़िम्मेदार नहीं ?

रविवार दोपहर करीब तीन बजे जहां CAA का विरोध प्रदर्शन जारी था उसी से लगभग 500 मीटर दूर भाजपा नेता कपिल मिश्र पार्षद कुसुम तोमर व उनके अन्य समर्थक मौजपुर लाल बत्ती पर सीएए के समर्थन में धरने पर बैठ गए सवाल ये उठता है कि ये आखिर क्यों बैठे ? क्या इनको नहीं पता था कि कल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को हमारे प्रधानमन्त्री ने भारत का मेहमान बनाकर बुलाया है | ऐसे में जो बिल एक्ट बन चुका है उसका समर्थन करने पर धरने का क्या मतलब | ज़ाहिर है मधुमक्खियों पर पत्थर मारकर उनको उकसाने का काम खुद इन लोगों ने किया है | जहाँ तक उन लोगों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए कि जिन्होंने क़ानून व्यवस्था अपने हाथ में लेकर उपद्रव किया तो वहीँ इन भाजपा नेता कपिल मिश्र पार्षद कुसुम तोमर व उनके अन्य समर्थकों पर भी वैसी सख्त कार्रवाई होना चाहिए |

उपद्रवियों ने जाफराबाद रोड, भजनपुरा और मौजपुर में हिंसक प्रदर्शन के दौरान कई घरों को आग के हवाले कर दिया और एक पेट्रोल पंप को फूंक डाला। हिंसा के चलते एक पुलिसकर्मी रतन लाल की मौत हो गई है, जबकि डीसीपी समेत कई अन्य घायल हैं। मौजपुर हिंसा के दौरान करीब 37 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। शाहदरा डीसीपी अमित शर्मा के सिर में गहरी चोट आई है।एसीपी गोकुलपुरी को भी भर्ती कराया गया है। हिंसक प्रदर्शनों के चलते उत्तर-पूर्वी जिले के 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया।

वरिष्ठ पत्रकार व लेखिका राना अय्यूब ने आज इंस्टाग्राम पर जो पोस्टें डाली हैं वो दिलदहला देने वाली हैं जिनको अगर शेयर किया जाए या जिसके बारे में लिख दिया जाए तो देश में आग लग सकती है ,इसलिए उसे लिखना देशहित में तो नहीं है लेकिन उसे पूरी तरह छुपाए जाना भी पत्रकारती के विरुद्ध होगा |
भजनपुरा में स्थित चाँद बाग़ के पीछे आज जो अपराध का नंगा नाच हुआ है वो भयावह है |एक वर्ग विशेष ने एक वर्ग विशेष के लोगों को घेरकर धारदार हथियार से घायल कर डाला | सोशल मिडिया पर चल रही ख़बरों में घरों को आग के हवाले कर दिया गया है ,पीड़ित अपने घरों को छोड़कर भाग रहे हैं ,बसों में भरकर उपद्रवियों को आता देख लोगों में दहशत देखी गई है |
सड़कें खून से लाल हो गई हैं ,इसके आगे लिखा जाना देशहित में नहीं है | बस आखरी सवाल ये है कि इस दंगे को भड़काने वालों में भाजपा नेता कपिल मिश्र पार्षद कुसुम तोमर व उनके अन्य समर्थकों पर सरकार क्या कोई कार्रवाई करेगी ?

हालाँकि केंद्रीय गृह मंत्री किशन रेड्डी ने कहा तो है कि उत्‍तर पूर्वी दिल्‍ली में हिंसा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे को ध्‍यान में रखकर सुनियोजित तरीके से रची गई। सरकार इस प्रकार की हिंसा को बर्दाश्‍त नहीं करेगी। इसके लिए जो दोषी हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अब देखना ये है कि करवाई निष्पक्ष हो या नहीं ? गृह मंत्रालय ने उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है जो पुलिसकर्मी की हत्‍या, पत्‍थरबाजी और संपत्‍ति में आग लगाने के लिए दोषी हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read