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केजीएमयू में तीमारदारों और डॉक्टरों के बीच जमकर मारपीट ,पुलिस पर एक पक्षीय कार्रवाई करने का आरोप

लखनऊ, संवाददाता |लखनऊ के केजीएमयू में आज भर्ती ब्लड कैंसर मरीज़ के उपचार के दौरान डाक्टरों और तीमारदारों के बीच मामूली बात पर हुई कहासुनी के बाद जमकर मारपीट का मामला सामने आया है | इस मारपीट में जहाँ एक रेजीडेंट की हथेली में फ्रैक्चर आया है वहीँ मरीज़ के तीमारदार के भी गंभीर चोटें आईं हैं | आलमबाग निवासी 28 वर्षीय युवक को दस दिन पहले ओपीडी में लाया गया था | हिमेटोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने जांच की थी जिसमे उसे ब्लड कैंसर की पुष्टि हुई | इसके बाद सोमवार को शताब्दी फेज टू के वार्ड में भर्ती किया गया | मरीज की हालत स्थिर होने पर दो दिन पहले पीजीआइ में बोनमेरो ट्रांसप्लांट की सलाह दी गई | गुरुवार को राउंड पर आए सीनियर डॉक्टर ने उसे पीजीआइ रेफर करने की बात कही और चले गए ,लेकिन इस दरम्यान जूनियर डॉक्टर और तीमारदारों में कहा सुनी हो गई |डाक्टरों की माने तो इसके बाद तीमारदारों ने आधा दर्जन युवकों को बुलवाकर धावा बोल दिया और जमकर मारपीट की |
सीनियर रेजीडेंट डॉ. भूपेंद्र के मुताबिक गुरुवार शाम को तीन बजे अचानक आधा दर्जन युवक आ धमके | वह वार्ड में वीडियो बनाने लगे | साथ ही वीडियो के सामने इलाज उपलब्ध न होने की बात कहने का दबाव डालने लगे| आरोप है इस बीच कहासुनी बढ़ने पर दो महिलाएं आगे आईं | उन्होंने डॉ. भूपेंद्र सिंह को पकड़ लिया और डॉ. भूपेंद्र से धक्का-मुक्की शुरू कर दी | डॉ. भूपेंद्र के मुताबिक जूनियर रेजिडेंट डॉ. धर्मेंद्र बीच-बचाव के लिए आए | आरोप हैं कि युवकों ने डॉ. धर्मेंद्र की जमकर पिटाई कर दी, जिसके बाद रेजीडेंट डॉ. संजय बचाव के लिए आगे आए और इस दौरान उनकी के हथेली में चोट लगने से फ्रैक्चर हो गया |
हालाँकि तीमारदारों के एक साथी का कहना था कि डॉक्टर्स उनके मरीज़ का इलाज करने के लिए रिश्वत मांग रहे थे और न देने के कारण डॉक्टर ने इलाज करना ही बंद कर दिया | तीमारदार ने बताया कि जब मेरे मरीज़ को ब्लड कैंसर था तो उसको भर्ती क्यों किये हुए थे | उसका कहना था जब उन डाक्टरों की अभद्रता को उसने अपने मोबाईल में क़ैद करना शुरू किया तो एक डॉक्टर की उसपर नज़र पड़ गई और उसका जबरन मोबाईल छीनने के बाद सब डाक्टरों ने मिलकर मारना शुरू कर दिया,यही नहीं उसके घर की एक गर्भवती महिला को भी डाक्टरों ने दौड़ा -दौड़ा कर मारा | इसका सबूत सीसीटीवी में क़ैद है ,अगर डाक्टरों ने सीसीटीवी के साथ छेड़ छाड़ नहीं की होगी तो उसे पुलिस निकलवा कर दूद का दूद और पानी का पानी कर सकती थी मगर ऐसा नहीं करते हुए पुलिस ने डाक्टरों के दबाओ में आकर एक पक्षीय कार्रवाई की है |
उसका कहना था कि मारपीट की घटना पर पुलिस आई और दो लोगों को पकड़ कर ले गई | उधर परिवार के सदस्य ने डॉक्टरों पर घर के मामले में हस्तक्षेप करने का भी आरोप लगाया |

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