HomeUTTAR PRADESHकिराएदार और मकान मालिकों के लिए अच्छी खबर

किराएदार और मकान मालिकों के लिए अच्छी खबर

लखनऊ,संवाददाता | किराएदार और मकान मालिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए यूपी में नए कानून को लागू करने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है | केंद्र के आदर्श किराएदार ई अधिनियम के आधार पर प्रस्तावित उत्तर प्रदेश नगरीय परिसरों की किराएदार ई विनियम अध्यादेश 2020 को अंतिम रूप देने के लिए लगातार मंथन चल रहा है | किराएदार ई कानून में कुछ संशोधन किए गए हैं |

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनहित को देखते हुए कुछ और संशोधन सुझाए हैं और सहमति बनने के बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा, कैबिनेट और फिर राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही इसे अध्यादेश के तौर पर लागू कर दिया जाएगा |
प्रस्तावित उत्तर प्रदेश नगरीय परिसरों की किराएदार ई विनियम अध्यादेश 2020 में मकान मालिक व किरायेदारों के बीच लिखित अनुबंध में किराए से लेकर सभी छोटी बड़ी जिम्मेदारियां तय की जाएगी|
कानून के लागू होने पर मकान मालिक और किराएदार के बीच किसी भी तरह के विवाद की सुनवाई किराया प्राधिकरण में होगी | इससे सिविल अदालतों का बोझ भी कम हो जाएगा | कई बार किराए पर मकान मालिक किराएदार में विवाद हो जाता है और यह मसला न्यायालय तक पहुंच जाता है | किरायेदारों को ज्यादातर शहरों में 11 महीने के किराए के साथ सुरक्षा जमा राशि का भुगतान करने के लिए कहा जाता है | कई बार इस तरह के मामले सामने आते हैं कि मकान मालिक मनमाने तरीके से किराया वसूलते हैं | इसके साथ ही किरायेदारों पर किराए के घर को क़ब्ज़ा करने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया जाता है | इन बातों को ध्यान में रखते हुए ये अधिनियम लाया जा रहा है | इसके अंतर्गत जिला कलेक्ट्रेट को किराया प्राधिकरण के रूप में नियुक्त किया गया है और अवधि से अधिक समय तक रहने के लिए किरायेदारों पर भारी जुर्माना लगता है |इसके अनुसार तय अवधि से अधिक समय तक रहने वाले किरायेदारों को दो बार दोगुना और उसके बाद 4 गुना किराया चुकाना पड़ता है |यही नहीं अगर मकान मालिक किराए में संशोधन करना चाहता है तो उसे किराए संशोधन से 3 महीने पहले किराएदार को लिखित में एक नोटिस देना होगा | किराएदार द्वारा भुगतान किए जाने अग्रिम सुरक्षा जमा अधिकतम 2 महीने का किराया देना होगा |मकान मालिक और किराएदार दोनों को किराए के समझौते की एक प्रति जिला किराया पप्राधिकरण को देनी होगी| सबसे बड़ा प्रकरण मकान की मरम्मत का कार्य जो उसके लिए वसूला गया पैसा होता है ऐसे में अगर मकान मालिक आवश्यक मरम्मत करने से इनकार करता है तो किराएदार यह काम कर सकता है और आवधिक किराए से उसकी राशि को काट सकता है| मरम्मत या प्रति स्थापना करने के लिए मकान मालिक 24 घंटे पूर्व सूचना दिए बिना किराए के परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता | यह भी कहा गया है कि मकान मालिक किराएदार के साथ विवाद की स्थिति में बिजली और पानी की आपूर्ति में कटौती नहीं कर सकता है |

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