लखनऊ,संवाददाता । उत्तर प्रदेश में आज चौथे चरण के लिए 59 सीटों पर मतदान संपन्न हुआ । जिस तरह से मतदाताओं नें अपने मत का प्रयोग करते हुए जोश दिखाया है ,उससे प्रतीत होता है कि उत्तर प्रदेश में एक बड़ा परिवर्तन होने वाला है। 2017 के हुए चुनाव में मतदाताओं में वह रुचि नहीं थी जो इस बार देखने को मिल रही है । इस बार अधिकतर शहरों में मतदाताओं ने लगभग 55 प्रतिशत से ऊपर मतदान किया है। यह बढ़ा हुआ प्रतिशत बता रहा है,उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने के चाँद पर ग्रहण लग सकता है। ज़ाहिर है इस बार हिन्दू मतदाताओं ने मतदान करने में बहुत रुचि नहीं दिखाई है। खबर लिखे जाने तक मिली सूचना के अनुसार सीतापुर में 5 बजे तक 58.30 प्रतिशत ,लखनऊ में शाम 5 बजे तक 54.98 प्रतिशत, पीलीभीत में शाम 5 बजे तक 61.42 प्रतिशत रायबरेली में शाम 5 बजे तक 58 .32 प्रतिशत मतदान हो चुका था।
देखने को मिला कि इस बार मुसलमानों ने सुबह से ही निकलकर अपने मतदान स्थलों पर पहुचकर लंबी कतारें लगीं और समाजवादी पार्टी को वोट किया । भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं मुस्लिम नेताओं ने बहुत प्रयास के बाद भी मुसलमानों से भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में उतना वोट नहीं डलवा सके जितने कि उन्होंने कल्पना की थी । पूर्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मुसलमानों के विरुद्ध कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया था जिन्हें मुसलमानों ने सोशल मीडिया पर जमकर वायरल करना शुरू कर दिया था। इस चुनाव में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए उन बयानों को सोशल मीडिया पर कई दिनों से वायरल किया जा रहा था ,जिसमें बजरंगबली और अली, जिसमें 80 प्रतिशत और 20 प्रतिशत सहित कई मुस्लिम विरोधी बातें शामिल थी । यही नहीं एनआरसी और सीएए प्रकरण नें भी अधिकतर मुसलमानों को भारतीय जनता पार्टी से दूर कर दिया । हालाकी भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेताओं ने वैसे बयान नहीं दिए जैसे बयान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देते आ रहे थे ।
यही नहीं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा भी मुसलमानों के खिलाफ कोई ऐसी बात नहीं की गई जिससे मुसलमान नाराज होता । लेकिन मतदाताओं में पहुंच कर जब भारतीय जनता पार्टी को वोट ना किए जाने का कारण पूछा गया तो उन लोगों ने उन्हीं बातों का उल्लेख किया जो योगी जी द्वारा कही गईं थीं । जिसके परिणाम स्वरूप समाजवादी पार्टी को बड़ा लाभ मिला । समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से लोग काफी प्रभावित हैं ।अखिलेश यादव ने वैसे तो पूरे चुनाव में मुसलमानों से वोट मांगे जाने की कोई भी अपील नहीं की लेकिन उनके पिता द्वारा पूर्व में बाबरी मस्जिद प्रकरण पर मुसलमानों की हिमायत में दिए गए बयान के कारण आज भी मुसलमान उनको नहीं भूल पाया है । इसी कारणवंश मुसलमानों का वोट अखिलेश यादव की पार्टी के तरफ डाइवर्ट हो गया। समाजवादी पार्टी की ऐसी लहर चल रही है कि जिसके आगे कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी सहित अन्य कई राजनीतिक दल उस लहर में कहीं ठहरते नज़र नहीं आ रहे हैं। हालांकि अमित शाह द्वारा इस बार भी उत्तर प्रदेश में 300 से अधिक सीटें लाने का दावा किया गया है ।
एग्जिट पोल के आंकड़ों को देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी सरकार बना रही है। लेकिन परिणाम आने के बाद ही इसका फैसला किया जा सकेगा कि उत्तर प्रदेश में किसकी सरकार बन रही है,और कौन मुख्यमंत्री होगा?