HomeWORLDइसराइल और संयुक्त अरब अमीरात के आपसी संबंधों पर मिलीजुली प्रतिक्रिया

इसराइल और संयुक्त अरब अमीरात के आपसी संबंधों पर मिलीजुली प्रतिक्रिया

लखनऊ,संवाददाता | इसराइल और संयुक्त अरब अमीरात यूएई ने आपसी संबंधों को सामान्य बनाने के लिए एक समझौता किया है इस समझौते के साथ ही इस लाइन में व्यस्त बैंक में अपने अगले वाले हिस्सों की विवादास्पद योजनाओं को निलंबित करने पर सहमति जाहिर की है | इस समझौते के बाद संयुक्त अरब अमीरात पहला ऐसा खाड़ी अरब देश बन गया जिसने इसराइल के साथ संबंध सामान्य करने के लिए समझौता किया है | जहां यूएई ने इस क्षेत्र में कूटनीति की जीत बताया वहीँ इसराइल ने इसे दोनों देशों के लिए ऐतिहासिक दिन रहा है | लेकिन इस समझौते पर पूरे विश्व से अलग-प्रतिक्रियाएं भी आ रही है | कुछ देशों ने इसका स्वागत किया तो कुछ ने इसे धोखा तक कहा है  |इसराइल और यूएई के समझौते को लेकर तुर्की ने अपनी नाराजगी प्रकट की है |तुर्की ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा | तुर्की ने कहा कि यही कार है तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा इतिहास और क्षेत्र के लोगों की अंतरात्मा इसराइल के साथ समझौते पर संयुक्त अरब अमीरात के व्यवहार को कभी नहीं भूल पाएगी ,क्योंकि अपने हितों के लिए उसने यह निर्णय लिया है | एक लिखित बयान में कहा गया है कि फलस्तीनी लोक प्रशासन एवं प्रशासन इस समझौते के खिलाफ एक प्रतिक्रिया देने को लेकर सही थे |यह चिंताजनक है |अरब लीग द्वारा विकसित शांति योजना के साथ चलना चाहिए था | यह जरा भी विश्वसनीय नहीं है | 2010 में इसराइल के सैनिकों ने ग़ज़ा पट्टी पर एक नाकाबंदी को तोड़ने की कोशिश कर रहे कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी थी |जो फलस्तीनी इस्लाम वादी आंदोलन समाज द्वारा शासित है | अरब देशों में इसराइल के साथ संबंध बहाल करने वाला 1979 और गार्डन 1994 के बाद तीसरा देश बन गया है | फलस्तीनी नेतृत्व में इस समझौते को यरुशलम और अल अक्सा के साथ विश्वासघात करार दिया है | फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अपने प्रवक्ता द्वारा जारी एक बयान में इसराइल के समझौते की निंदा की है | फलस्तीनी मुख्यालय रमअल्लाह के बाहर एक बयान पढ़ते हुए कहा कि यह समझौता यरुशलम अल अक्सा और फलस्तीनी मकसद के साथ धोखा है |हमास के प्रवक्ता ने कहा कि फलस्तीनीयों की पीठ में छुरा मारा  है | एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी थाना अशरवि ने कहा कि इसराइल को 1967 में फ़लस्तीनी क्षेत्रों में अपने कार्यों के लिए इनाम दिया गया है |उन्होंने ट्वीट किया, यूएई इसराइल के साथ अपने गुप्त समझौते को लेकर खुलकर बाहर आ गया है |ईरान के पूर्व उप विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्ला हिया ने निंदा करते हुए कहा कि इससे इलाके में शांति और सुरक्षा नहीं रहेगी |उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि इस रवैया के लिए कोई तर्क नहीं हो सकता फलस्तीन के मकसद से पीछे हटना यह एक रणनीतिक गलती है | उन्हें यहूदीबाद में उलझा दिया जाएगा |जॉर्डन और पश्चिम देश यूएई के करीबी सहयोगी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी ने कहा है कि संयुक्त अरब अमीरात और इसराइल के हमारे क्षेत्र में समृद्धि और स्थिरता लाने के प्रयास उनके लिए हैं |उन्होंने कहा कि मैंने अपनी जमीन पर कब्जे पर रोक और मध्य पूर्व में शांति लाने के लिए अमेरिका संयुक्त अरब अमीरात और इसराइल के संयुक्त बयान को दिलचस्पी के साथ देखा और सराहना की और बहरी ने भी इस समझौते का स्वागत किया | जार्डन का कहना है कि अगर यह समझौता इसराइल को अपने कब्जे में ली गई जमीन पर संदेश को स्वीकार करने में सफल होता है तो यह समझौता शांति वार्ता को आगे बढ़ा सकता है |बहरीन का कहना है कि यह समझौता इसराइली कार्रवाई की योजनाओं को रोकेगा और शांति की संभावना बढ़ जाएगी |यही ब्रिटेन ,फ्रांस और संयुक्त राष्ट्र समझौते का स्वागत किया है और इसे शांति और सुरक्षा लाने वाला प्रयास बताया |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read