अमित सक्सेना
लखनऊ । कोरोनाकाल में आम आदमी को राहत देने के लिए सरकार की तरफ से चलाई गई निःशुल्क राशन योजना पर अब विराम लगने जा रहा है। यदि ऐसा होता है तो उत्तर प्रदेश की 15 करोड़ जनता निःशुल्क राशन व्ययवस्था से वंचित हो जाएगी। हालांकि ये व्ययवस्था दो बार बंद होने की कगार पर आई थी लेकिन दोनों बार इसको विस्तार दिया गया और आखिर में इसकी अंतिम तिथि मार्च 2022 निर्धारित की गई थी। लेकिन उसके बाद कोई भी यूपी सरकार की तरफ से आदेश नहीं आया था। अब यूपी में नई सरकार का गठन 21 फरवरी तक होने की आशा जताई जा रही है। सरकार के गठन होने के बाद ही ये निर्धारित हो सकेगा ,निःशुल्क राशन योजना बंद होगी अथवा नहीं। अगर ये योजना बंद होती है तो आम आदमी को पहली की तरह राशन खरीदने के लिए क़ीमत देनी होगी।
ऐसे लागू हुई थी निःशुल्क राशन योजना
कोरोनावायरस संक्रमण के चलते वर्ष 2020 में लगे लॉकडाउन में केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार ने गरीबों को मुफ्त में राशन देने की योजना शुरू की थी। जब कोरोना की पहली लहर खत्म हुई तो इस योजना पर विराम लगा,लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर आने के बाद इस निःशुल्क राशन योजना को मई 2021 से फिर शुरू किया गया। दिवाली 2021 पर इस योजना को होली 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया था। शासन ने इस योजना का लाभ मार्च तक देने का फैसला किया था। अब मार्च माह में यह योजना खत्म होने की कगार पर है। इस योजना को लेकर जहाँ आम जनता फिक्रमंद है तो वहीं आपूर्ति विभाग को भी नए आदेश का इंतजार है।
बताते चलें कि निःशुल्क राशन योजना में गरीबों को पांच किलो राशन प्रति यूनिट के साथ रिफाइंड तेल, नमक व चने दिये जाते थे। लखनऊ जिलापूर्ति अधिकारी की मानें तो यह योजना मार्च माह तक के लिए ही शुरू की थी। फिलहाल इसे आगे बढ़ाने से संबंधित कोई आदेश नहीं मिला है। अगले आदेश का इंतजार किया जा रहा है।